
सर्दियों में भी देश के 173 शहर वायु प्रदूषण के राष्ट्रीय मानक पूरा करने में विफल रहे। दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर रहा जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 159 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। बिहार उत्तर प्रदेश हरियाणा पश्चिम बंगाल और असम में स्थित हैं। राजस्थान बिहार और बंगाल में सभी निगरानी किए गए शहरों में राष्ट्रीय से अधिक प्रदूषण था।
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की नई रिपोर्ट में सामने आया है कि सर्दियों में भी देश के 173 शहर वायु प्रदूषण के राष्ट्रीय मानक पूरा करने में रहे विफल रहे।
इस बार सर्दियों में वायु प्रदूषण अधिक बना रहा। 238 शहरों में से 173 में औसत पीएम 2.5 का स्तर भारत के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से अधिक था। यही नहीं, कोई भी शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के दिशानिर्देश को पूरा नहीं करता।
भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा दिल्ली
एक अक्टूबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक की अवधि पर तैयार यह रिपोर्ट बताती है कि 2024-25 की सर्दियों में दिल्ली भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां पूरे मौसम में पीएम 2.5 की औसत स्तर 159 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
पिछली सर्दियों (2023- 24) के दौरान भी दिल्ली 171 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के उच्च औसत के साथ सूची में सबसे ऊपर थी। 2024-25 की सर्दियों में बर्नीहाट 157 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज करते हुए दूसरे स्थान पर रहा।
ये 10 शहर रहे सबसे ज्यादा प्रदूषित
शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा, पटना, आसनसोल, दुर्गापुर और चरखी दादरी शामिल हैं। शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली के साथ बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और असम में स्थित हैं।
व्यापक राज्य स्तर पर, राजस्थान (34 शहर), बिहार (24 शहर) और बंगाल (7 शहर) में सभी निगरानी किए गए शहरों में राष्ट्रीय से अधिक प्रदूषण था। इसी तरह, महाराष्ट्र (31 में से 30 शहर), ओडिशा (16 में से 15 शहर) और उत्तर प्रदेश (20 में से 15 शहर) में सर्दियों में पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक से अधिक था।
सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
151 दिनों की सर्दियों की अवधि में, शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल 100 शहरों को कम से कम एक बार सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से 44 शहर कम से कम 10 बार दिखाई दिए। बर्नीहाट में सबसे ज्यादा (111 दिन) पुनरावृत्ति हुई, उसके बाद दिल्ली (105 दिन), हाजीपुर (80 दिन), गाजियाबाद (52 दिन) और बहादुरगढ़ (47 दिन) का स्थान रहा।
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सीआरईए के विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा कि भारतीय शहरों में वार्षिक औसत प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सर्दियों के वायु प्रदूषण को कम करना आवश्यक है।