Nitish Kumar News : डेढ़ दशक पहले एक समय था जब भारतीय राजनीति में सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि विकास मॉडल की भी चर्चा होती थी. जहां एक ओर गुजरात मॉडल के दम पर नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय कद बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर बिहार में नीतीश कुमार का सुशासन मॉडल देश और दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका था. इसी दौर में पहली बार ऐसा हुआ कि कोई भारतीय मुख्यमंत्री पाकिस्तान में विकास और शासन के प्रतीक के रूप में चर्चा में आया-और वह नेता थे नीतीश कुमार!
पटना. एक दौर था जब देश में गुजरात मॉडल की चर्चा हुआ करती थी. तब गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थे और इसी मॉडल के आधार पर उनकी छवि गढ़ती गई और बढ़ती गई. बाद में यह इमेज इतना व्यापक होता चला गया कि वह देश के प्रधानमंत्री बने और आज विश्व से सबसे लोकप्रिय नेताओं में भी सबसे अव्वल हैं. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तब उसी दौर में बिहार मॉडल की भी खूब चर्चा होती थी. 2005 के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सुशासन का मॉडल स्टेट बनकर उभरा था. उनके किए प्रशासनिक सुधार, राज्य की बेहतर कानून व्यवस्था, सामाजिक-राजनीतिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी और आर्थिक वृद्धि का उनका मॉडल खूब चर्चा में था. इसके साथ ही कृषि जैसे क्षेत्र में विकास की लंबी लगाई थी और विकास दर में बिहार लगातार कई वर्षों तक अव्वल आता रहा था. आज जब बिहार में ‘विकास मॉडल’ को लेकर चलने वाले नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के सीएम बने हैं तो कहानी उस दौर की भी जानिए जब बिहार में नीतीश के सुशासन के 7 वर्ष हो गए तो इसकी गूंज पाकिस्तान में भी सुनाई पड़ रही थी.
स्वागत में उत्साह, राजनीति से परे उम्मीदें
8 नवंबर 2012 को जब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाकिस्तान पहुंचे तो उनका स्वागत केवल एक औपचारिक दौरे की तरह नहीं हुआ, बल्कि उस नेता की तरह हुआ जिसने गरीबी, अपराध और पिछड़ेपन से लड़कर एक राज्य की दिशा बदल दी थी. कराची एयरपोर्ट पर लगे पोस्टरों में लिखा था-“Welcome Nitish Kumar – Architect of Bihar’s Growth.” यह सिर्फ स्वागत नहीं, बल्कि एक संकेत था कि भारत की राजनीति सीमाओं के पार चर्चा और उत्सुकता पैदा कर रही थी. कुछ जगहों पर तो उनसे ‘शासन का फॉर्मूला’ मांगने वाले नारे भी दिखाई दिए. यह वह दौर था जब पाकिस्तानी मीडिया लगातार पूछ रही थी- “Bihar Model आखिर है क्या?”
इमरान खान से मुलाकात: चाय पर विकास का फॉर्मूला
इस यात्रा का सबसे चर्चित पल था इमरान खान से अनौपचारिक मुलाकात. दोनों की बातचीत किसी औपचारिक प्रोटोकॉल की तरह नहीं बल्कि दो राजनेताओं की रणनीतिक कॉफी-कन्वरसेशन जैसी थी. तब इमरान ने नीतीश से कहा था, आपने गरीब राज्य को विकास की रफ्तार दी है, यह पाकिस्तान के लिए प्रेरक है. इमरान खान का यह बयान भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के अखबारों की सुर्खी बना.
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यह सिर्फ राजनीतिक यात्रा नहीं थी
8 नवंबर 2012 शुरू हुआ दौरा 16 नवंबर को खत्म हुआ. पंजाब वाघा बॉर्डर लौटते समय नीतीश बोले- ये यात्रा सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय अनुभव थी. यह यात्रा सफल रही, पाकिस्तान की मेजबानी अविस्मरणीय थी. जानकारों की नजर में नीतीश कुमार के इस दौरे ने दोनों देशों में एक दुर्लभ दृश्य पैदा किया, जहां एक भारतीय नेता सीमा पार सम्मान और लोकप्रियता के प्रतीक बने.






