Chenab River Dulhasti Power Project: युद्ध सिर्फ हथियारों से ही नहीं लड़ा जाता है. इसके कई तौर-तरीके हो सकते हैं. ग्लोबल लेवल पर दुश्मन देश को डिप्लोमेसी के जरिये अलग-थलग करना या फिर किसी जरूरी चीज की आपूर्ति को बाधित कर भी घुटने टेकने को मजबूर किया जा सकता है. भारत के पास भी एक ऐसा हथियार है, जिसकी एक चोट से पाकिस्तान कराहने पर मजबूर हो जाता है. पहलगाम अटैक के बाद नई दिल्ली की तरफ से उस वेपन का बखूबी इस्तेमाल शुरू हो गया है.
Chenab River Dulhasti Power Project: पाकिस्तान ने जब अपने पाले-पोसे आतंकवादियों के माध्यम से पहलगाम में कत्लेआम मचवाया था, तब उसे इस बात का इमकान भी नहीं था कि भारत की तरफ से ऐसा कदम उठाया जाएगा जिससे उसकी हालत पतली हो जाएगी. लाखों-करोड़ों पाकिस्तानी पानी की एक बूंद के लिए तरस जाएंगे. पहलगाम अटैक के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty – IWT) को अनिश्चितकाल के लिए ठंडे बस्ते में डालने का ऐलान कर दिया. साथ ही सिंधु नदी तंत्र (Indus River System) पर पावर प्रोजेक्ट और डैम बनाने की योजना भी तैयार कर ली.
अब उसे जमीन पर उतारा जा रहा है. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी ने चेनाब नदी पर दुलहस्ती स्टेज-II पावर प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल दे दिया है. इसा मतलब हुआ कि अब संबंधित एजेंसियां चेनाब नदी पर हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट पर अपने काम को आगे बढ़ा सकेंगी. बताया जा रहा है कि दुलहस्ती स्टेज-II से 260 मेगावाट तक बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. भारत का यह फैसला रणनीतिक और सामरिक रूप से काफी अहम है. दरअसल, ठंडे बस्ते में चल रहे सिंधु जल समझौते के तहत चेनाब नदी पाकिस्तान के हिस्से में आती है. मतलब इसके पानी पर पड़ोसी देश का अधिकार है, पर मौजूदा समय में ऐसा नहीं है. चेनाब नदी पर पावर प्रोजेक्ट बनाने के फैसले से पाकिस्तान की सांसों का फूलना तय है.
केंद्र सरकार की ओर से सिंधु नदी बेसिन में लंबित बुनियादी ढांचा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के प्रयासों के बीच पर्यावरण मंत्रालय की क्षेत्रीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (sectoral expert appraisal committee – EAC) ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर प्रस्तावित 260 मेगावाट क्षमता की दुलहस्ती स्टेज-II जलविद्युत परियोजना को मंजूरी देने की सिफारिश कर दी है. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला समिति की 19 दिसंबर को हुई बैठक में लिया गया.
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यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा विकसित की जाएगी, जिसर ₹3,277.45 करोड़ की लागत आने की संभावना है. दुलहस्ती स्टेज-II मौजूदा दुलहस्ती स्टेज-I परियोजना के बुनियादी ढांचे का उपयोग करेगी. उल्लेखनीय है कि 390 मेगावाट क्षमता की दुलहस्ती स्टेज-1 एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है, जिसे वर्ष 2007 में कमीशन किया गया था.





