निठारी सीरियल किलिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है और उसकी दोषसिद्धि रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को तत्काल रिहा किया जाए।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी सीरियल किलिंग मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है और उसकी दोषसिद्धि रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा में 2005-2006 में हुए निठारी हत्याकांड से जुड़े एक हत्या और बलात्कार के मामले में सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। दरअसल सुरेंद्र कोली द्वारा अपनी दोषसिद्धि के विरुद्ध सुधारात्मक याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
दरअसल 15 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में फरवरी 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। हालांकि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ शेष 12 मामलों में बरी किए जाने के बाद, उसने इस वर्ष फिर से सुधारात्मक याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने आज कोली को बरी कर दिया और अंतिम मामले में उसकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति नाथ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “याचिकाकर्ता को आरोपों से बरी किया जाता है। याचिकाकर्ता को तत्काल रिहा किया जाए।”
कोली की सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने 7 अक्टूबर को टिप्पणी की थी कि दोषसिद्धि केवल एक बयान और रसोई के चाकू की बरामदगी के आधार पर हुई थी। न्यायालय ने यह भी कहा था कि बाकी मामलों में बरी किए जाने के कारण असामान्य स्थिति पैदा हो गई है।
Source of News:- indiatv.in
निठारी हत्याकांड क्या है?
निठारी हत्याकांड 2005 और 2006 के बीच हुआ था। यह मामला दिसंबर 2006 में तब सबके ध्यान में आया जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल मिले। इसके बाद, यह पता चला कि मोनिंदर सिंह पंढेर उस घर का मालिक था और कोली उसका घरेलू नौकर था।





