
सी-वोटर सर्वे में तेजस्वी यादव को 35.5 प्रतिशत लोगों ने सीएम पद के लिए सर्वाधिक पसंदीदा चेहरा माना है. 15 प्रतिशत के साथ नीतीश कुमार लोगों की तीसरी पसंद हैं. आश्चर्यजनक रूप से 11 माह पहले बनी जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर उर्फ PK नीतीश कुमार को पछाड़कर दूसरे नंबर पर आ गए हैं. नीतीश और प्रशांत किशोर जहां अपने गठबंधन या पार्टी के सीएम फेस घोषित हो चुके हैं, लेकिन महागठबंधन में सीएम फेस पर सन्नाटा है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी गठबंधन में औपचारिक रूप से सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. अपवाद स्वरूप नीतीश कुमार ने एनडीए में सीटें न बंटने के बावजूद 3 उम्मीदवारों के नाम जरूर घोषित कर दिए हैं. हां, नीतीश कुमार के लिए यह अच्छी बात है कि एनडीए में शामिल घटक दलों के तमाम नेता उनके ही नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. बिहार के सियासी फलक पर तेजी से उभर रही जन सुराज ने भी प्रशांत किशोर को सीएम फेस स्वीकार कर लिया है.
पर, महागठबंधनमें कांग्रेस ने पेच फंसा दिया है.
पिछली बार महागठबंधन के साथ रहने पर कांग्रेस ने सहजता से तेजस्वी यादव को स्वीकार कर लिया था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. यह स्थिति तब है, जब आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी को सीएम फेस काफी पहले घोषित कर दिया है. उन्होंने हर हाल में अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का ऐलान कर दिया है. वे तो दावे के साथ कहते हैं कि कोई माई का लाल नहीं है, जो तेजस्वी को सीएम बनने से रोक दे. गांधी परिवार से लालू के संबंध भी बेहतर रहे हैं, जो अघोषित तौर पर कांग्रेस का आलाकमान है. इसके बावजूद कांग्रेस आधिकारिक रूप से इस पर कुछ नहीं बोल रही. अलबत्ता कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य जरूर यह बता रहे हैं कि इसका फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद होगा. अब तो सीटों की संख्या पर भी कांग्रेस के पेंच फंसाने की खबरें आ रही हैं.
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बिहार की रोमांचकारी राजनीति
बिहार की राजनीति एक बार फिर रोमांचक मोड़ ले रही है. अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी प्रमुख गठबंधन अपनी रणनीतियां तेज कर चुके हैं, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार है. एनडीए में नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार्य है. जन सुराज ने प्रशांत किशोर उर्फ PK को स्पष्ट रूप से सीएम फेस घोषित कर दिया है. सिर्फ महागठबंधन में कांग्रेस की खामोशी है. सीटों पर पेंच भी. इसने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव की चिंता बढ़ा दी है.