Bihar Government: बिहार में मछुआरों को मिलेगी आर्थिक सहायता, 31 मई तक करें आवेदन; जानिए पूरी डिटेल

भभुआ जिले में नदियों में मछली मारने वाले मछुआरों के लिए खुशखबरी! मत्स्य विभाग जून से अगस्त तक मछली मारने पर लगे प्रतिबंध के दौरान राहत सह बचत योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। गरीब मछुआरों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं जिसकी अंतिम तिथि 31 मई है। इस योजना का उद्देश्य मछुआरों को आर्थिक मदद पहुंचाना और नदियों में मछली उत्पादन बढ़ाना है।

भभुआ। जिले के विभिन्न नदियों में मछली मारकर जीविकोपार्जन करने वाले मछुआरों के लिए अच्छी खबर है। मछली मारने के लिए प्रतिबंधित महीने जून से अगस्त तक उनकी आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव को देखते हुए मत्स्य विभाग राहत सह बचत योजना के तहत सहायता राशि प्रदान कर रहा है।

जिले में मछली मारने के कार्य में लगे मछुआरों से ऑनलाइन आवेदन मांगा जा रहा है। विभाग के द्वारा 31 मई तक आवेदन करने की अंतिम निर्धारित की है।

इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी भारतेंदु जायसवाल ने बताया कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की राहत सह बचत योजना का मुख्य उद्देश्य है कि नदियों में मछली मारने वाले गरीबी रेखा के नीचे के मछुआरों को प्रतिषेध माह में राहत पहुंचाना है।

source of news-dainik jagran

उन्होंने कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन होने पर प्रतिषेध अवधि में प्रजनक मछलियों को प्रजनन कराने का अवसर मिलेगा। जिससे नदियों में मत्स्य बीज का स्वत: संचयन हो पाएगा एवं नदियों में मछली का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो सकेगी।

”जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कहा कि प्रतिषेध माह में वित्तीय राहत पहुंचाने के लिए मछुआरों से वार्षिक 1500 का अंशदान प्राप्त किया जाएगा। साथ ही राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा भी 1500-1500 का वार्षिक अंशदान मछुआरों को प्रदान किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि अर्जित ब्याज सहित मूल राशि को संबंधित राशि को प्रतिषेध महीनों में उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरह से योजना के लाभुकों को प्रतिबंधित महीनों में राशि दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष के लिए आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में रामगढ, दुर्गावती, कुदरा, भभुआ एवं नुआंव प्रखंड की नदियों में मछुआरों के द्वारा मछली मारने का काम किया जाता है।

योजना के चयन में किसे मिलेगी प्राथमिकता?

जो मछुआरे पूर्णकालिक समय शिकार माही का कार्य करते हैं। त्स्यजीवी सहयोग समिति, निबंधित फेडरेशन, निबंधित वेलफेयर सोसाइटी, समूह के सदस्य हो एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हो, जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के निर्गत नि:शुल्क मत्स्य शिकार माही प्रमाण पत्र धारक हो। योजना का लाभ जून माह से अगस्त तक नदियों में शिकारमाही प्रतिषेधित रहेगी।नदियों में मत्स्य प्रजनन में अभिवृद्धि होगी। जीविकोपार्जन के लिए पूर्णरूप से आश्रित मछुआरा लाभान्वित होंगे। बाढ़ के समय में मछुआरों को आर्थिक राहत प्राप्त होगी। योजना का लाभ पाने के लिए लाभुक आयु 18 से 60 वर्ष होनी अनिवार्य है।मछली पालन करने वाले लोगों के अलावा मछुआरों के लिए विभाग के द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देकर स्वावलंबी बनाने की सरकार सकारात्मक पहल की शुरू है।

Related Posts

पटना में संक्रमण की जांच के लिए किट नहीं, कोरोना के लिए आरक्षित बेड बने आरामगाह

पीएमसीएच एनएमसीएच एम्स आइजीआइएमएस से लेकर न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल तक की ओपीडी में सर्दी जुकाम खांसी बुखार व सांस फूलने के मरीजों की संख्या बढ़ी है। बावजूद इसके जांच…

बिहार के शिक्षा विभाग में आई कॉल से हैरत में सभी, ‘सब्जी में मिर्च’ और 50 रुपये में काम के मामले ने उलझाया

मार्च से लेकर मई महीने में शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 446 से अधिक शिकायतें आई हैं। शिकायतों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने इन्हें जिला शिक्षा कार्यालय…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *