
मार्च से लेकर मई महीने में शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 446 से अधिक शिकायतें आई हैं। शिकायतों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने इन्हें जिला शिक्षा कार्यालय स्थानांतरित कर दिया। पता चला है कि सब्जी में मिर्च का पाउडर ज्यादा मात्रा डाला जाता है जिससे बच्चे नहीं खा सकें।
, पटना।-शिक्षा विभाग के पोर्टल व टोल फ्री नंबर पर मिल रही शिकायत से अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक हैरत में हैं। मार्च से लेकर मई महीने में शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 446 से अधिक शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने इन्हें जिला शिक्षा कार्यालय स्थानांतरित कर दिया।source of news-danik jagran
बच्चों, अभिभावकों एवं आमजन द्वारा की गई शिकायत को देख सभी हैरत में घोसवरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित माध्य विद्याल, धनक डोभ के संबंध में किसी ने मार्च महीने में शिकायत की कि यहां मध्याह्न भोजन मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जाता है।
पांच सौ बच्चों के लिए 10 किलो चावल
पांच सौ बच्चों के लिए 10 किलो चावल बनाया जाता है। सब्जी में मिर्च का पाउडर ज्यादा मात्रा डाला जाता है, जिससे बच्चे नहीं खा सकें। यही नहीं इसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर छात्रवृत्ति का लाभ देने से पहले प्रत्येक बच्चे से पांच सौ रुपये वसूलने का आरोप लगाया है। पोर्टल पर इस विद्यालय के संबंध में करीब आधा दर्जन शिकायतें की गई है।
इसी तरह बिहटा प्रखंड में स्थित मध्य विद्यालय, गुलामली चक के बारे में शिकायत की गई कि प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों के परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र न देकर शिक्षकों को मोबाइल दिखा कर बच्चों की परीक्षा लेने के लिए कहा जाता है। मोकामा प्रखंड में स्थित मध्य विद्यालय बाटा हाथी दाह पर आश्चर्यजनक आरोप लगाएं हैं।
इस स्कूल के बारे में शिकायत की गई कि यहां बच्चों से झाडू और चाक के नाम 50 -50 रुपये वसूल किए जाते हैं। जबकि नियमानुसार झाडू और चाक जैसे उपस्कर की खरीद स्कूल फंड से की जाती है। विक्रम प्रखंड में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, राही हिंदी के संबंध में शिकायत आई कि विद्यालय के एक ही वर्ग कक्ष में तीन से पांच तक के बच्चों को बैठा कर पढ़ाया जाता है
बच्चों को पठन-पाठन में होती है परेशानी
जिसके कारण बच्चों को पठन-पाठन में परेशानी होती है। धनरूआ प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय, सिमहरी खुर्द के प्रधानाध्यापक पर किसी ने आरोप लगाया है कि वे खेल सामग्री और एफएलएन किट का समान अपने घर पर रखे हुए हैं। इस तरह की सैकड़ों शिकायत शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आती है। जिला शिक्षा कार्यालय के उच्च अधिकारी बताते हैं कि पोर्टल पर मिली रही शिकायतों का निपटारा किया जाता है। जांच में सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।