
बिहार के ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन सेवा लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। हर दिन हजारों लोग इस सेवा के माध्यम से डॉक्टरी सलाह ले रहे हैं। मई महीने में पटना गोपालगंज और अरवल जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 30 हजार लोगों को टेली कंसल्टेशन की सुविधा दी जा रही है। टेलीमेडिसिन के लिए प्रदेश में 40 हब केंद्र बनाए गए हैं।
पटना। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और डाक्टरी परामर्श के लिए प्रारंभ की गई टेली मेडिसीन सुविधा बीमार लोगों के बीच काफी प्रचलित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन हजारों लोग इस सेवा के जरिये डॉक्टरी परामर्श ले रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में बकायदा जिलावार रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार टेली मेडिसीन सेवा में मई महीने में पटना के साथ-साथ गोपालगंज और अरवल जैसे जिलों ने बढिया प्रदर्शन किया है।
अकेले मई महीने में टेली मेडिसीन सेवा में गोपालगंज ने निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक 129 प्रतिशत, पटना जिले ने सौ प्रतिशत और अरवल ने 99 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है।
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गोपालगंज के स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मुख्यालय को जो रिपोर्ट मुहैया कराई है, उसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इस सेवा को वरदान से कम नहीं मानते।
किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर लोग तत्काल सेवा के लिए क्षेत्र में बनाए गए स्पोक हब पर पहुंच जाते हैं। लोग सेवा के प्रति संतुष्ट भी नजर आते हैं।
ई-संजीवनी के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन करीब 30 हजार लोगों को टेली कंसल्टेशन की सुविधा दी जा रही है।
कुछ हब पर कॉल रिसीव न करने वाले या पोर्टल में लॉग-इन नहीं करने वाले डाक्टरों और और स्वास्थ्य कर्मियों की विभाग के स्तर पर निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है।
टेली मेडिसीन के लिए प्रदेश में 40 हब केंद्र बनाए गए
यहां बताएं कि टेली मेडिसीन के लिए प्रदेश में 40 हब केंद्र बनाए गए हैं। जहां 1238 डॉक्टर और 12 हजार से अधिक एएनएम टेली कंसलटेंशन के माध्मय से अपनी सेवाएं दे रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक स्पोक सेंटर पर प्रतिदिन कम से कम पांच मरीजों और प्रत्येक हब पर 75 मरीजों की टेली कंसल्टेशन की व्यवस्था बनाई है।