‘1987 में बने, तबसे बामुश्किल कोई अधिकारी देखने आया..’ नोएडा जनता फ्लैट के हालात बद से बदतर, सुनिये वहां के वासियों की जुबानी

Noida News: नोएडा के जनता फ्लैट्स की हालत चिंताजनक है. छत गिरने से लोगों में दहशत फैल गई. मेंटेनेंस के बावजूद सुविधाओं का अभाव है. अधिकारियों ने फ्लैट्स को खाली कराने का आश्वासन दिया है.

नोएडा: नोएडा की हाईराइज सोसाइटी और प्राधिकरण द्वारा बनाए गए जनता फ्लैट्स की हालत दिनों दिन चिंता का विषय बनती जा रही है. मूलभूत सुविधाओं से वंचित इन सोसाइटियों में रहने वाले परिवार मजबूरी में हर दिन खतरे के साए में जी रहे हैं. दो दिन पहले सामने आए ताजे मामले ने तो सिस्टम और बिल्डिंग क्वालिटी दोनों की ही पोल खोल कर रख दी है. घटना में एक फ्लैट की छत अचानक भरभरा कर गिर पड़ी. गनीमत रही कि हादसे के समय वहां परिवार मौजूद नहीं था, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था.

मेंटेनेंस जीरो, खतरा सौ फीसद
इस फ्लैट में किराए पर रह रहे कुलदीप मिश्रा ने बताया कि वह बीते कई सालों से यहां अपने परिवार संग रह रहे हैं. 9,500 रुपये किराया और मेंटेनेंस चुकाने के बावजूद उन्हें मेंटेनेंस के नाम पर कोई सुविधा नहीं मिलती. उन्होंने बताया, हादसे से एक दिन पहले ही छत का एक हिस्सा गिरा था, लेकिन यह यहां आम बात है. कई बार ऐसा हो चुका है. उस दिन महज 15 मिनट पहले ही मैं टीवी बंद करके दूसरे कमरे में गया था कि पूरी छत धड़ाम से नीचे आ गिरी. शुक्र है कि उस समय कमरे में कोई मौजूद नहीं था, वरना सोच से भी परे है कि क्या होता. मिश्रा का परिवार उनकी पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ इस फ्लैट में रहते हैं.

अधिकारियों का आश्वासन, लेकिन कब तक
घटना की सूचना मिलते ही नोएडा प्राधिकरण के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने प्रभावित परिवार और अन्य निवासियों को आश्वासन दिया कि जर्जर हालत वाले फ्लैट्स का आंकलन कर जल्द खाली कराया जाएगा. इन फ्लैट्स को या तो रेनोवेट कर दोबारा रहने लायक बनाया जाएगा या फिर गिराकर दोबारा निर्माण किया जाएगा. हालांकि, निवासियों का सवाल है कि जब तक कार्रवाई पूरी नहीं होती, तब तक उनकी जान का क्या होगा!


1987 के बने फ्लैट, आज खंडहर में तब्दील
सोसाइटी में रहने वाले सीताराम, जो बीएसएनएल से रिटायर्ड अधिकारी हैं, बताते हैं कि ये फ्लैट करीब 1987 के आसपास बने थे और अब इनकी हालत जर्जर हो चुकी है. सोसाइटी में नोएडा प्राधिकरण, बीएसएनएल, डाक विभाग और अन्य सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों ने फ्लैट खरीदे थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि प्राधिकरण, बीएसएनएल और डाक विभाग के अधिकांश फ्लैट खंडहर का रूप ले चुके हैं.

Source of News:- news18.com

सुविधाओं का घोर अभाव
निवासियों का कहना है कि यहां न तो पार्क सही है, न पानी की सप्लाई और न ही बिजली की अच्छी सुविधा. हर महीने मेंटेनेंस शुल्क वसूला जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बद से बदतर हैं. लोगों को हमेशा इस डर में रहना पड़ता है कि कब छत या दीवार टूटकर गिर जाए और जान पर बन आए. वहीं नोएडा प्राधिकरण के सिविल डिपार्टमेंट के मैनेजर एसपी सिंह और उनकी टीम ने मौके पर निरीक्षण कर बताया कि सेक्टर 31 स्थित इस जनता फ्लैट में कुल 128 फ्लैट है और यहां जर्जर हालात में जो भी फ्लैट है उन्हें तत्काल खाली करके सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का निर्देश दिया है.

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