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शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया जिससे 140 से अधिक लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। बांगकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत गिरने से छह लोग मारे गए। म्यांमार में राहत कार्य शुरू हो गए हैं और चीन तथा रूस ने भी मदद भेजी। भूकंप के झटके थाईलैंड म्यांमार और चीन में महसूस किए गए जिससे भारी तबाही और नुकसान हुआ है।
भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई और इसके बाद कई आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी। म्यांमार के सैन्य शासन ने आधिकारिक तौर पर 144 मौतों और 730 घायलों की पुष्टि की। म्यांमार में भारत के अलावा चीन और रूस ने भी मदद भेजी है।
थाईलैंड में निर्माणाधीन इमारत गिरने से तबाही
थाईलैंड के बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 33 मंजिला इमारत भूकंप के कारण ढह गई। इमारत गिरने से आसपास के इलाके में भारी धूल और मलबा फैल गया। बैंकॉक में लोग भागते हुए दिखाई दिए और राहत कार्य जारी है।
सहायता और राहत प्रयासों की शुरुआत
म्यांमार सरकार ने राहत प्रयासों के लिए रक्तदान की अपील की और विदेशी मदद स्वीकार करने की बात की। चीन और रूस ने बचाव दल भेजे, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने आपात राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
चीन में भी महसूस हुआ भूकंप
चीन के युनान और सिचुआन प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। चीन के रुइली शहर में भूकंप के कारण कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा और वहां के निवासी भी इसकी तीव्रता से प्रभावित हुए।
अफगानिस्तान में डोली धरती
म्यांमार और थाईलैंड के अलावा शनिवार की सुबह अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
भारत ने मदद का बढ़ाया हाथ
भारत ने म्यांमार की मदद के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130J सुपर हरक्यूलिस विमान हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से राहत सामग्री लेकर म्यांमार के लिए रवाना हुआ।