
सेक्टर 56, गोछी, दिलीप कॉलोनी, राजीव कॉलोनी, समयपुर और प्रतापगढ़ सहित फरीदाबाद के कई रिहायशी इलाकों व गांवों के सैकड़ों लोगों ने आज एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया। यह पंचायत रिहायशी क्षेत्रों में डंपिंग यार्ड के खिलाफ लोगों के बढ़ते आक्रोश को लेकर बुलाई गई थी।
इस दौरान MCF कमिश्नर से हुई बैठक का विवरण भी जनता के साथ साझा किया गया। कमिश्नर ने अपनी बातचीत में कहा कि
“हमें केवल 5 से 7 डंपर कचरा डालने दिया जाए। हम पहले ही 12 से 15 वैकल्पिक स्थानों का निरीक्षण कर चुके हैं और जल्द ही स्थायी समाधान निकालेंगे।”
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि यदि जरूरत पड़ी तो वे इसे लिखित रूप में देने को भी तैयार हैं।
हालांकि, जब स्थानीय प्रतिनिधि मंडल ने यह बात सुनी, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि
“हम अकेले यह निर्णय नहीं ले सकते। इसके लिए हमें सेक्टर, कॉलोनी और गांव के सभी लोगों से बातचीत करनी होगी और उनकी सहमति के बाद ही कोई जवाब दिया जा सकता है।”
इसके बाद, रविवार को सेक्टर 56 स्थित मेट्रो फ्लैट्स के सामने पार्क में सैकड़ों की संख्या में नागरिक एकत्रित हुए, जहां सभी वॉलंटियर्स और पंचायत में शामिल प्रतिनिधियों ने MCF कमिश्नर और DC के साथ हुई बातचीत को विस्तार से सभी के समक्ष रखा।

सभा में मौजूद हर व्यक्ति ने एक स्वर में निर्णय लिया:
“कुछ भी हो जाए, हमारे रिहायशी इलाके में कूड़े का एक भी डंपर नहीं आने देंगे।” — चाहे उसे 10 दिन लगें, 20 दिन या एक महीना। जब तक इस मामले में NGT (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) का फैसला नहीं आ जाता, धरना जारी रहेगा।
गौरतलब है कि यह मामला NGT में विचाराधीन है, जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा गया है।
NGT की गाइडलाइन के अनुसार, 30 दिनों के भीतर निर्णय आ जाना चाहिए, हालांकि अब तक फैसला नहीं आया है। लोगों को पूरा विश्वास है कि यह निर्णय उनके पक्ष में ही आएगा।
जनता ने यह स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन सिर्फ आज की समस्या के खिलाफ नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की स्वास्थ्य, पर्यावरण और सुरक्षित भविष्य के लिए है