
भारतीय किसान एकता के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने घोषणा की है कि 1 सितंबर को कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। औलख ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और किसानों की फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की मांग की।
सिरसा। भारतीय किसान एकता प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि बीकेई टीम से सरबजीत कंबोज, कुलतार सिंह कंवर, पवन कासनिया, हंसराज पचार ने किसानों व मजदूरों की मांगों को लेकर गांव सादेवाला, मतूवाला, कालूआना, बचेर व नथोर में जनसंपर्क कर एक सितंबर को कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए पहुंचने की अपील की।
औलख ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि एक सितंबर को किसान सुबह 10 बजे से ताऊ देवीलाल पार्क पिपली रोड कुरुक्षेत्र में इकट्ठा होंगे। इसके बाद प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास पर पहुंचेंगे।
औलख ने कहा कि बीती आठ अगस्त को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए थे। खेद की बात है कि सरकार ने किसानों की अनदेखी की और मांग पत्र पर विचार नहीं किया और ना ही किसानों को वार्ता के लिए बुलाकर उनकी मांगों का हल किया।
औलख ने कहा कि किसानों की मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के तहत सी2 50 के अनुसार एमएसपी तय करके किसानों की फसलों की खरीद सुनिश्चित की जाए, निम्न क्वालिटी व नकली बीज, खाद, कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगाई जाए और खाद के वितरण में पारदर्शिता लाई जाए।
खाद में टैगिंग व कालाबाजारी बंद की जाए। नहरों, ड्रेनों की सफाई और सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जाए। भारी बरसात के कारण पंजाब में हरियाणा के ऊपरी हिस्सों में बाढ़ आई हुई है, लेकिन सिरसा व फतेहाबाद की नहरों में पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है।
नहरी पानी 3 सप्ताह सप्लाई व एक सप्ताह बंदी का शेड्यूल जारी किया जाए। 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू की जाए। परमल धान में नमी के नाम पर काट लगाकर किसानों को न लूटा जाए।
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औलख ने कहा कि सरकार हर रोज किसानों पर नए-नए कानून थोप रही है, जैसे खाद पर पोर्टल की कंडीशन लागू करना, नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए फव्वारा सिस्टम की अनिवार्यता, खेती के औजारों पर दी जाने वाली सब्सिडी के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पिछली तीन छमाही की फसलों के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता। जीटी बेल्ट में धान में आए फिजी वायरस से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।