
फरीदाबाद में केमिकल युक्त रंग मिश्रित फलों और सब्जियों के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। मंडियों से लिए गए 10 नमूनों की जांच की जाएगी। पपीता और तरबूज जैसे फलों को जल्दी पकाने के लिए हानिकारक रसायन इस्तेमाल किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे फल संक्रमण और पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। रासायनिक रंगों से मिश्रित फलों व सब्जियों के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। शिकायतें मिल रही हैं कि मंडियों में आने वाले कई फलों व सब्जियों में रसायनों का प्रयोग किया जाता है। पपीता, आम, चीकू, तरबूज व सेब को पकाने व उनकी चमक बढ़ाने के लिए रसायनों का प्रयोग किया जाता है।
जांच के लिए 10 नमूने लिए
इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने फलों व सब्जियों के 10 नमूने लिए हैं। इनकी जांच कराई जाएगी। विभिन्न मंडियों से नमूने लेने की कार्रवाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र यादव ने की है।
एफडीए अधिकारियों के साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आशंका है कि गर्मियों में फलों की मांग बढ़ जाती है। इसलिए फलों को जल्दी पकाने के लिए रसायनों का प्रयोग किया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे फलों व सब्जियों के सेवन से संक्रमण व पेट संबंधी बीमारियां पनपती हैं।source of news-DAINIK JAGRAN
”पपीते को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। फलों के साथ डिब्बे या बैग में कार्बाइड रखने से एसिटिलीन गैस निकलती है, जो फलों के पकने की प्रक्रिया को तेज कर देती है। कुछ लोग तरबूज को लाल दिखाने के लिए एरिथ्रोसिन जैसे रंग का इंजेक्शन लगाते हैं।
-डॉ. अरविंद कुमार, आयुर्वेदिक चिकित्सक, ईएसआईसी अस्पताल। ”
‘‘कच्चे फलों को पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि गड़बड़ी किस हद तक है। कई ऐसे केमिकल हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। लोगों को जागरूक होना चाहिए। जब भी फलों या सब्जियों में पानी डालें तो पहले उन्हें गुनगुने पानी में कुछ देर तक धो लें, ताकि केमिकल का असर कम हो सके।
-पृथ्वी सिंह, पदेन अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग।”
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