फरीदाबाद में 400 बड़े बकायेदारों पर चलेगी सीलिंग की तलवार, 80 लाख से ज्यादा की वसूली करेगा निगम

फरीदाबाद नगर निगम ने 400 बड़े बकायेदारों से वसूलने का लक्ष्य रखा है जिनमें सरकारी विभाग भी शामिल हैं। अतिरिक्त आयुक्त सलोनी शर्मा ने टैक्स जमा न करने पर सीलिंग की कार्रवाई के आदेश दिए हैं। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में तेजी लाने के लिए सत्यापन कैंप बढ़ाए गए हैं क्योंकि सीएम नायब सैनी ने धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई थीsource 0f news-danikjagran।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। प्रदेश सरकार से विकास कार्यों और वेतन के लिए ग्रांट नहीं लेनी पड़े। इसलिए निगम अपने खजाने को स्थानीय स्त्रोतों से भरना चाहता है। इसके लिए अब अपने बकायेदारों से ही वसूली के लिए बड़ा अभियान चलाएगा।

निगम ने इसके लिए हर जोन में 50 बड़े बकायेदारों की सूची तैयार की है। आठ जोन में निगम के कुल 400 बड़े बकायेदार सामने आए है। जिनसे करीबन एक करोड़ रुपये की वसूली करनी है।

अतिरिक्त आयुक्त सलोनी शर्मा ने कराधान शाखा के अधिकारियों को आदेश दिया कि इन बकायेदारों को पहले नोटिस देकर तीन दिन के भीतर टैक्स जमा कराने के लिए कहा जाए। अगर फिर भी टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो सीधा सीलिंग की कार्रवाई की जाए। इन बकायेदारों में सरकारी विभाग भी शामिल है।

सात लाख हैं प्रॉपर्टी

पूरे शहर में कुल साढ़े सात लाख प्रॉपर्टी है। जिसमें 1.25 लाख प्रापर्टी आइडी का ही सत्यापन हो पाया है। इन प्रापर्टी मालिकों से नगर निगम टैक्स की वसूली करता है। साल 2024-25 में निगम की ओर से कुल 85 करोड़ की टैक्स वसूली का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन निगम प्रापर्टी आइडी में खामियों की वजह से केवल 45 लाख ही वसूल कर पाया।

ऐसे में अब अतिरिक्त आयुक्त की ओर से सत्यापन कैंप की संख्या दोगुनी करने का आदेश दिया गया है। निगम अधिकारी शाम के समय भी कम्यूनिटी सेंटर और पार्क में कैंप लगा रहा है। पार्षदों और आरडब्ल्यूए से भी सत्यापन करवाने को लेकर सहयोग मांगा जा रहा है।

प्रॉपर्टी टैक्स वसूली को लेकर सीएम ने जताई थी नाराजगी

पिछले सप्ताह सीएम नायब सैनी ने नगर निगम के विकास कार्याें और प्रॉपर्टी आईडी सत्यापन को लेकर समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में भी सत्यापन की धीमी गति को लेकर सीएम और कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने नाराजगी जताई थी। बैठक में निगम से गति को तेज करने के लिए कहा था। ताकि निगम को विकास कार्यों और कर्मचारियों के वेतन को लेकर सरकार से ग्रांट नहीं लेनी पड़ी। वहीं निगम का खजाना भरा रहेगा तो ठेकेदारों को भी भुगतान के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

Related Posts

Rewari Crime: 8वीं की छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाला शिक्षक गिरफ्तार, रतनगढ़ में मिली थी लोकेशन

रेवाड़ी के खोल थाना क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा की तीन छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में शिक्षक राजेश को राजस्थान के रतनगढ़ से गिरफ्तार किया गया…

बारिश में क्यों हर साल डूबता है गुरुग्राम, जबकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में तो ऐसा नहीं होता?

Gurugram vs Noida-Greater Noida : गुरुग्राम की सबसे बड़ी समस्या यह है कि शहर पहले बन गया, योजना बाद में बनी.. जबकि नोएडा जैसे शहरों में पहले मास्टर प्लान बना,…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *