
श्रीनगर
अमरनाथ यात्रा-2025 के लिए रजिस्ट्रेशन आज (15 अप्रैल) से शुरू हो गए हैं। श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन फीस 220 रुपए रखी गई है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 600 से ज्यादा बैंकों में किया जा सकता है।
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त (रक्षाबंधन) तक (39 दिन) चलेगी। यात्रा दो रूट- पहलगाम (अनंतनाग) और बालटाल (गांदरबल) रूटों से होगी। लगभग 6 लाख श्रद्धालु यात्रा पर आ सकते हैं।
5 मार्च को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) की 48वीं बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की तारीखों की घोषणा की थी। बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बेहतर करने के कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। श्राइन बोर्ड ने e-KYC, RFID कार्ड, ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन और दूसरी व्यवस्थाओं को भी बेहतर करने का निर्णय लिया है, ताकि यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो सके।
बोर्ड का कहना है कि इस बार पिछली बार से ज्यादा श्रद्धालु यात्रा पर आ सकते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए जम्मू, श्रीनगर, बालटाल, पहलगाम, नुनवान और पंथा चौक पर रुकने और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बेहतर की जा रही है।
SOURCE OF NEWS – DAINIK BHASKAR
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस…

श्रद्धालु बोले- यात्रा के लिए उत्साहित
श्रद्धालु रोहित ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के दौरान हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत उत्साहित हूं, यह मेरी दूसरी अमरनाथ यात्रा है। सभी यात्रियों का हेल्थ चेकअप अनिवार्य है। वहीं, श्रद्धालु सोनिया मेहरा ने कहा- यह मेरी दूसरी यात्रा है, मैं चाहती हूं कि हर साल इस पवित्र यात्रा पर जा सकूं।
अमरनाथ यात्रा के दो रूट हैं

पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।
तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पर पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।
बालटाल रूट: अगर वक्त कम हो, तो बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए बालटाल रूट सबसे मुफीद है। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है। इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर रास्ते संकरे और मोड़ खतरे भरे हैं।

2 साल से बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या

2024 में लगातार दूसरे साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली। 2023 में 4.5 लाख और 2024 में 5 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। साल 2012 में रिकॉर्ड 6.35 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। 2022 में कोविड के कारण आंकड़ा घटा था और 3 लाख तीर्थयात्रियों दर्शन के लिए पहुंचे थे।