ग्रेटर फरीदाबाद में शराबियों का आतंक, पुलिस कब करेगी कार्रवाई?

ग्रेटर फरीदाबाद में शाम होते ही चौराहे शराबियों के अड्डे बन जाते हैं जिससे राहगीर असुरक्षित महसूस करते हैं। शराब की दुकानों के बाहर अवैध पार्किंग और ग्रीनबेल्ट पर अतिक्रमण के कारण स्थिति और भी खराब है। पुलिस गश्त पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है और ग्रेटर फरीदाबाद में नियमित गश्त करने की बात कही है।

फरीदाबाद। ग्रेटर फरीदाबाद का हर चौराहा दिन ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। शराब की दुकानों के बाहर मास्टर रोड पर खड़ी दर्जनों गाड़ियां, पास में ठेलों पर शराब पीते लोग, ऐसा लगता है जैसे उन्हें यहां कानून का कोई डर ही नहीं है।

वाहनों के अंदर और बाहर खुलेआम शराब पीते लोगों के पास से गुजरने वाले अन्य वाहन चालक असहज महसूस करते हैं। सबसे ज्यादा डर महिलाओं को लगता है। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस क्या कर रही है। राइडर और पीसीआर पर तैनात पुलिसकर्मी खुलेआम शराब पीते लोगों को क्यों नहीं देख पाते हैं।

आंगन में कम बैठते हैं लोग

ग्रेटर फरीदाबाद के सभी प्रमुख चौराहों पर शराब की दुकानें हैं। इनमें से ज्यादातर के पास आंगन भी है, जहां बैठकर शराब पी जा सकती है। लेकिन दुकान से शराब खरीदने के बाद ज्यादातर लोग आंगन में शराब नहीं पीते बल्कि बाहर खड़ी अपनी गाड़ी में बैठकर शराब पीते हैं।

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कुछ लोग दुकान के आसपास लगी रेहड़ियों पर जाकर वहां से कुछ खाने का सामान खरीदकर पीने लगते हैं। बीपीटीपी चौक, चंदीला चौक, सेक्टर-78, अडोर चौक, अमोलिक चौक समेत कई ऐसे चौराहे हैं, जहां लोग किनारे बैठकर आराम से शराब पीते नजर आते हैं। कई बार शराब के नशे में लोग आपस में झगड़ते हैं तो कई राहगीरों से झगड़ा कर लेते हैं।

मास्टर रोड पर खड़े होते हैं वाहन

दुकानों के बाहर वाहनों के लिए पार्किंग की जगह नहीं है। सभी वाहन मास्टर रोड पर खड़े होते हैं। इससे अन्य वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। हालांकि कोई विरोध नहीं करता, लेकिन अगर कोई हिम्मत करके किसी से वाहन हटाने को कहता भी है तो नशे में धुत वाहन मालिक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। इसलिए बाकी लोग चुपचाप रहकर निकल जाना ही बेहतर समझते हैं। यहां की सोसायटी में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं।

पुलिस गश्त पर सवाल

ग्रेटर फरीदाबाद तीन थाना क्षेत्रों में बंटा हुआ है, लेकिन हकीकत में यहां सिर्फ बीपीटीपी थाना ही है। भूपानी और खेड़ीपुल थाने काफी दूर हैं। यहां कभी पुलिस गश्त नहीं दिखती। इतना ही नहीं, ट्रैफिक पुलिस भी यहां वाहनों का चालान करने नहीं आती। यही कारण है कि वाहन चालक अपनी मर्जी से सड़कों पर वाहन पार्क कर रहे हैं।

ग्रीनबेल्ट पर ठेका संचालकों ने किया कब्जा

अब बात करते हैं मास्टर रोड के किनारे अतिक्रमण की। यहां ठेकों और अहातों ने निर्धारित जगह से ज्यादा जगह पर अतिक्रमण कर रखा है। इसकी जांच नहीं हो रही है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ग्रीनबेल्ट पर ढाबे चल रहे हैं। अन्य तरह के अतिक्रमण हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है। ग्रेटर फरीदाबाद की ज्यादातर ग्रीनबेल्ट अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है। प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।

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