वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने खेल भावना की मिसाल पेश की. साउथ अफ्रीका की रोती खिलाड़ियों को गले लगाकर सांत्वना दी और ट्रॉफी के साथ दुनिया का दिल भी जीत लिया.
IND W vs SA W: भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार (2 नवंबर) को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए ICC महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में इतिहास रच दिया. भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. इस ऐतिहासिक जीत के बाद मैदान पर एक ऐसा भावुक दृश्य देखने को मिला, जिसने हर किसी का दिल छू लिया.
मैदान पर रो पड़ीं साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी
मैच खत्म होते ही भारतीय खिलाड़ी खुशी से झूम उठीं, लेकिन दूसरी ओर साउथ अफ्रीकी टीम की खिलाड़ी अपने आंसू नही रोक सकीं. लंबे समय से वर्ल्ड कप जीतने का सपना देख रही साउथ अफ्रीकी टीम इस बार भी ट्रॉफी से चूक गई. जब मैदान पर उनकी आंखों से आंसू बहने लगे, तभी भारतीय खिलाड़ियों ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने सभी का दिल जीत लिया.
टीम इंडिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा समेत कई खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों को गले लगाया. उन्होंने हार से टूट चुकी खिलाड़ियों को ढांढस बंधाया और उनके शानदार खेल की सराहना की. यह खेल भावना का ऐसा उदाहरण था, जिसने साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ जीत-हार का खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और सम्मान का प्रतीक भी है.
जहां एक ओर भारतीय टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर झंडे गाड़ दिए, वहीं उन्होंने अपनी जीत को बेहद शालीनता के साथ मनाया
2005 और 2017 की अधूरी कहानी हुई पूरी
भारत की महिला टीम इससे पहले दो बार वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी. पहली बार 2005 में और फिर 2017 में, लेकिन दोनों बार खिताब से चूक गई थी. इस बार टीम ने कोई गलती नही दोहराई और जीत का परचम लहराया. दीप्ति शर्मा के ऑलराउंड प्रदर्शन, शेफाली वर्मा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और अमनजोत कौर की फील्डिंग ने इस ऐतिहासिक जीत की नींव रखी.
Source of News:- abplive.com
टीम इंडिया की यह जीत केवल एक ट्रॉफी नही थी. यह उन सालों की मेहनत, संघर्ष और सपनों की कहानी थी जो अब हकीकत बन चुकी है. इस जीत में सबसे खूबसूरत पल वो था जब भारतीय खिलाड़ियों ने खेल की सच्ची भावना दिखाकर दुनिया को “स्पोर्ट्समैनशिप” का सही मतलब सिखाया.





