
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा संसद के दोनों सदनों में पेश की. समीक्षा चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के समक्ष चुनौतियों को बयां करती है.
Source of News:-ndtv
- वित्त वर्ष 2026 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. सरकार के विभिन्न पहल और मौद्रिक नीतिगत उपायों से भारत में खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 के 5 दशमलव 4 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल से दिसम्बर) में 4 दशमलव 9 प्रतिशत पर आ गई है.
- आर्थिक सर्वेक्षण का कहना है कि मजबूत बाहरी खाते और स्थिर निजी खपत के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है.
- उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और व्यावसायिक अपेक्षाओं में सुधार से निवेश गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है.
- सब्जियों की कीमतों में मौसमी कमी, खरीफ फसल की आवक के साथ वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी की संभावना है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों के बफर स्टॉक बढ़ाने, खुले बाजार में खाद्य वस्तुएं जारी करने और आपूर्ति में कमी की स्थिति में आयात में ढील देने के सरकार के प्रशासनिक उपाय मुद्रास्फीति स्थिर रखने में सहायक रहे हैं.
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