ट्रम्प के 100 दिन, आगे 5 फैसले ले सकते हैं:H1-B वीजा प्लान से 3 लाख भारतीयों पर संकट; ग्रीन कार्ड पाना भी मुश्किल होगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी पारी ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में भूचाल ला दिया है। सत्ता संभालते ही ट्रम्प ने सरकारी मशीनरी को ध्वस्त करने, राजनीतिक दुश्मनों पर हमला बोलने और बड़े पैमाने पर अधिकारियों को हटाने का अभियान छेड़ रखा है।

महज 100 दिनों में ट्रम्प ने अमेरिका की छवि को बदल दिया है। इमिग्रेशन से लेकर टैरिफ, शिक्षा से लेकर नौकरियों तक, हर मोर्चे पर ट्रम्प ने आक्रामक फैसले लिए हैं। इन फैसलों का अमेरिका, चीन, भारतीय सभी पर असर हुआ है।

आने वाले महीनों में ट्रम्प और भी बड़े फैसले लेने की तैयारी में हैं। इनमें इनकम टैक्स, जॉब, शिक्षा, अवैध प्रवासी जैसे क्षेत्र अहम हैं। इन फैसलों से अमेरिकियों के अलावा भारतीयों पर भी असर होगा। खासकर छात्रों के लिए अब ‘अमेरिकन ड्रीम’ पर आंच आती नजर आ रही है।

आने वाले दिनों में ये 5 बड़े फैसले ले सकते हैं ट्रम्प, भारतीयों पर भी असर…

1. इनकम टैक्स को खत्म करने की योजना बना रहे हैं ट्रम्प

ट्रम्प का अगला बड़ा कदम इनकम टैक्स को पूरी तरह खत्म करने का हो सकता है। उनका मानना है कि टैरिफ से होने वाली आय से सरकार का खर्च चलाया जा सकता है। ट्रम्प कहते हैं कि 1870-1913 के बीच अमेरिका का रेवेन्यू मुख्य रूप से टैरिफ से आता था और उस दौरान देश बेहद समृद्ध था।

उनका दावा है कि टैरिफ लगने से अमेरिका दो से तीन अरब डॉलर रोज कमा रहा है, और इससे आयकर को खत्म करना संभव होगा। अगर ऐसा होता है तो इसका वैश्विक बाजारों पर गहरा असर पड़ेगा। विश्व व्यापार में अस्थिरता बढ़ेगी।Source of news-Dainik Bhasker

2. स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग खत्म करेंगे

ट्रम्प OPT (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) प्रोग्राम खत्म कर सकते हैं। दरअसल, OPT के बाद एच1बी वीजा मिलना आसान होता है। इसके बंद होने से अमेरिका में पढ़ रहे तीन लाख भारतीयों पर एच1बी वीसा का संकट होगा। अभी OPT के तहत स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ) फील्ड के विदेशी छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद 3 साल तक अमेरिकी कंपनियों में ट्रेनिंग ले सकते हैं। इससे नौकरी मिलने में आसानी होती है। ओपीटी खत्म करने से पढ़ाई पूरी होने के बाद जॉब न मिलने पर तुरंत अमेरिका छोड़ना होगा।

3. WTO, NATO जैसी संस्थाओं का फंड कम कर सकते हैं

वैश्विक संस्थाओं के प्रति ट्रम्प की नीति अमेरिका फर्स्ट दृष्टिकोण पर आधारित है। वे आने वाले दिनों में विश्व व्यापार संगठन (WTO), संयुक्त राष्ट्र व नाटो की फंडिंग कम कर सकते हैं। या सहयोग करने के लिए शर्त रख सकते हैं। उनकी नई नीतियां ब्रिक्स जैसे समूहों को चुनौती दे सकती हैं। वे पहले ही WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को बाहर कर चुके हैं। ट्रम्प का मानना है कि ये संस्थाएं अमेरिका के हितों के खिलाफ काम करती हैं। ट्रम्प नाटो सदस्यों से रक्षा खर्च बढ़ाने को दबाव डाल सकते हैं।

4. दवाओं की कीमत में बड़ी क्रांति लाने की तैयारी में

ट्रम्प दवाओं की कीमतों को निम्नतम स्तर पर लाने की तैयारी में हैं। जिसका उदाहरण एलिक्विस जैसे ब्लड थिनर हैं। यह दवा अमेरिका में ₹48 हजार रुपए में बिकती है, जबकि जापान में ₹1,700 और स्वीडन में ₹10 हजार में उपलब्ध है।

ट्रम्प ने मेडिकेयर एजेंसी को निर्देश दिए हैं कि वे विदेशी मूल्य-निर्धारण मॉडल पर आधारित एक पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू करें। प्रस्ताव के पूरी तरह लागू होते ही दवा कंपनियों को अपने दाम विदेशी स्तर तक लाने हाेंगे। इससे अमेरिका में दवाओं की कीमतें काफी कम हाे जाएंगी।

5. अवैध प्रवासियों को खुद देश छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे

अमेरिका में रह रहे 7.5 लाख भारतीय अवैध प्रवासियों के लिए आने वाले माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। ट्रम्प प्रशासन ने ऐसे प्रवासियों के लिए स्वयं-डिपोर्टेशन योजना पर काम शुरू किया है। योजना के लागू होने पर अवैध प्रवासियों को उड़ान टिकट के साथ वित्तीय अनुदान (स्टाइपेंड) मुहैया होगा। ट्रम्प प्रशासन उन्हें खुद अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर करेगा। इसके अलावा अवैध प्रवासियों के बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सुविधाएं भी बंद करने की योजना बनाई जा रही है।

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