
फरीदाबाद में हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान की न्यायिक हिरासत जिला अदालत ने 19 मई तक बढ़ा दी है। सोमवार को जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए संदिग्ध आतंकी को पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति लांबा की कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए आगे बढ़ा दी है।
2 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी
आतंकी अब्दुल रहमान (19) को हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स फरीदाबाद ने 2 मार्च को गुजरात ATS और केन्द्रीय एजेंसी IB की मदद से पकड़ा था। अब्दुल की गिरफ्तारी के समय जांच एजेंसियों को उसके पास से दो जिंदा हैंड ग्रेनेड मिले थे। जिनको बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय किया था।
जांच में पता चला कि अब्दुल रहमान अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के कुख्यात आतंकी अबू सूफियान के संपर्क में था। अबू सूफियान ने ही अपना हैंडलर भेजकर बांस रोड स्थित खेत के पास गड्ढा खुदवाकर जमीन में दो हैंडग्रेनेड के साथ ही डेटोनेटर भी छुपाए थे।
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19 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
पाली इलाके से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान को 3 मार्च को कोर्ट में पेश कर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 10 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। रिमांड खत्म होने के बाद 13 मार्च को अब्दुल रहमान को नीमका जेल भेज दिया गया। उसके बाद से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अब्दुल को कोर्ट मे पेश किया जा रहा है। जिसके बाद 27 मार्च को फिर से अब्दुल रहमान की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई।
23 अप्रैल को अब्दुल रहमान को कोर्ट में पेश किया गया, और 5 मई तक के लिए उसकी हिरासत बढ़ा दी गई। सोमवार को जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए संदिग्ध आतंकी को पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति लांबा की कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए आगे बढ़ा दी है।
स्लीपर सेल तक नहीं पहुंच सकी एसटीएफ
अब्दुल रहमान को ये छुपाने के स्थान की लोकेशन दी गई थी, जिसके बाद आतंकी यहां पहुंचा और गड्ढे की मिट्टी हटाकर ये सामान वाला पैकेट उसने निकालकर अपने बैग में रख लिया था। अब्दुल रहमान को ये सामान लेकर 4 मार्च को वापस अयोध्या पहुंचना था। लेकिन यहां की लोकेशन व आरोपी की फोटो मिलने पर उसे काबू कर लिया गया।
मामले में एसटीएफ की जांच अभी चल रही है। लेकिन एसटीएफ अभी तक अब्दुल रहमान को यहां पर हैंड ग्रेनेड व अन्य सामान मुहैया कराने वाले स्लीपर सेल तक नहीं पहुंच सकी है।