
फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में जमीनी विवाद के चलते भतीजों ने राजस्थान के अलवर में ताऊ को जिंदा चला दिया। गंभीर हालात में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर सोमवार की रात को उसकी मौत हो गई।
बल्लभगढ़ के सेक्टर-3 का रहने वाला 60 वर्षीय रामस्वरूप मूल रूप से राजस्थान के अलवर जिला के गांव करोड़ा का रहने वाला था। पिछले 40 सालों से वह बल्लभगढ़ में मकान बनाकर रहा रहा था।
मृतक की बेटी शिमला ने बताया कि 6 अप्रैल को उसके पिता रामस्वरूप अपने बड़े भाई के बेटे सोहन के बच्चे के कुआं पूजन में अलवर गया हुआ था। 29 अप्रैल को सोहन की बहन के भात का प्रोग्राम था, इस दौरान सोहन ने उनके पिता को शराब पिलाई और देर रात के समय गली में बाहर अपने भाई कालिया के साथ मिलकर आग लगा दी।
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जली हालात में रेवाड़ी लेकर आए
शिमला ने बताया कि आग लगने के बाद एक बच्ची ने शोर मचा दिया, जिसके बाद शोर सुनकर रिश्तेदार घायल हालात में रामस्वरूप को लेकर रेवाड़ी पहुंचे। रेवाड़ी में उनका घर है, जहां पर उसको कॉल करके मामले की जानकारी दी गई।
शिमला ने बल्लभगढ़ में अपने भाई को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद 30 अप्रैल को रामस्वरूप को फरीदाबाद के बीके अस्पताल लेकर आया गया। जहां से डाक्टरों ने गंभीर हालात में दिल्ली सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। 30 अप्रैल को रामस्वरूप को दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, लेकिन 5 मई की रात को उसकी मौत हो गई।
ढाई एकड़ जमीन का विवाद
मृतक की बेटी शिमला ने बताया पिताजी के नाम गांव करोड़ा में ढाई एकड़ जमीन है। जो उनके पिताजी के हिस्से में आई थी। लेकिन सोहन और कालिया उस जमीन पर कब्जा करना चाहता है।
इस जमीन को लेकर पिछले कई सालों से उनका विवाद चल रहा था। इसी को लेकर सोहन और कालिया ने उनके पिता को शराब पिलाकर जला दिया। परिवार के लोगों ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत अलवर पुलिस को कर दी थी।