
Bihar Voter List Revision बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर जेडीयू सांसद गिरधारी यादव ने चुनाव आयोग पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आयोग को बिहार के इतिहास और भूगोल का ज्ञान नहीं है। यादव ने SIR प्रक्रिया को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि प्रवासियों के लिए यह मुश्किल है और इसके लिए कम से कम छह महीने का समय मिलना चाहिए था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर सियासी तूफान जारी है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद गिरधारी यादव ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने अपनी ही पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देते हुए कहा, “चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। उसे न तो बिहार का इतिहास पता है और न ही भूगोल। मुझे सारे दस्तावेज इकट्ठा करने में 10 दिन लग गए। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है। वो एक महीने में दस्तखत कैसे कर देगा? ये (SIR) हम पर जबरदस्ती थोपा गया है। इसके लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी निजी राय दे रहा हूं। पार्टी क्या कह रही है, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। ये सच है। अगर मैं सच नहीं बोल सकता, तो सांसद क्यों बना हूं?”
कौन हैं सांसद गिरधारी यादव?
गिरिधारी यादव बिहार के जाने माने नेता हैं। वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी माना जाते रहे हैं। गिरधारी यादव बांका संसदीय क्षेत्र से चुनकर आए हैं।
उन्होंने 2019 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। जेडीयू से पहले वह राजद में रहकर बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। गिरिधारी यादव चार बार लोकसभा और चार बार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए।
गिरिधारी यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की और बाद में जनता दल का हिस्सा बने। 1995 में उन्होंने कटोरिया सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 11वीं लोकसभा में बांका से सांसद बने।
1997 में जनता दल के विभाजन के बाद वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हुए और उन 17 सांसदों में थे जो इस नई पार्टी का हिस्सा बने। हालांकि, अगले लोकसभा चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली। साल 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में गिरिधारी यादव ने फिर से विधायक का चुनाव जीता।
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2004 में वह दोबारा लोकसभा पहुंचे। 2010 में उन्होंने RJD छोड़कर जेडीयू का दामन थामा और उसी साल बेलहर से तीसरी बार विधायक चुने गए। 2015 में वह चौथी बार बेलहर से विधायक बने।
1996 में पहली बार सांसद बनने के बाद, उन्होंने 2004 में दूसरी बार लोकसभा सीट हासिल जीती थी। गिरिधारी यादव ने बिहार के भागलपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। इन्होंने वित्त संबंधी स्थायी समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया है।