PM मोदी थे आतंकियों का असली टारगेट! दहशतगर्द डॉक्टरों की थी खूंखार प्लानिंग, सुनकर जांच एजेंसी भी सकते में

Delhi Blast Exposed Truth: डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने ‘व्हाइट कॉलर आतंकवाद’ का चेहरा दिखाया है और अब एजेंसियां उस कहानी के गुम हिस्से जोड़ने की कोशिश में जुटी हैं. सूत्रों की माने तो इन आतंकवादियों ने 4 शहरों को दहलाने की साजिश रची थी. इसमें निशाना पीएम मोदी भी हो सकते थे.

लखनऊ: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच अब एक बड़े आतंकी नेटवर्क तक जा पहुंची है. देशभर में 2,900 किलो से ज्यादा विस्फोटक बरामद हुए हैं, डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने ‘व्हाइट कॉलर आतंकवाद’ का चेहरा दिखाया है और अब एजेंसियां उस कहानी के गुम हिस्से जोड़ने की कोशिश में जुटी हैं, जिससे लाल किले ब्लास्ट की पूरी साजिश समझ में आ सके. इसी जांच के दौरान एक बड़ी खौफनाक साजिश सामने आई है.

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल ने 4 शहरों को दहलाने की साजिश रची थी. इतना ही नहीं पीएम मोदी से लेकर आरएसएस चीफ तक निशाने पर थे. मगर, उससे पहले ही एजेंसी की सतर्कता के कारण इनका प्लान फुस्स हो गया. सूत्रों की मानें तो 4 शहर में 8 धमाकों की तैयारी की जा रही थी. आइए जानते हैं सब…


जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियां अब उमर नबी की हर गतिविधि पर फोकस कर रही हैं. उमर वही डॉक्टर है जिसे आत्मघाती हमलावर बताया जा रहा है. एजेंसियां ये पता लगाने में जुटी हैं कि 30 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच यानी उन 10 दिनों में उमर ने क्या किया, कहां गया और किससे मिला. दरअसल, यही वो वक्त था जब उसके साथी डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया था.

मुजम्मिल का नाम उसके एक और साथी डॉ. आदिल राथर से पूछताछ के दौरान सामने आया था. सूत्रों का कहना है कि 30 अक्टूबर तक उमर और उसका ग्रुप गाड़ियों और विस्फोटक जैसी जरूरी चीजों की व्यवस्था नहीं कर पाए थे. लेकिन 10 नवंबर तक उन्होंने एक कार में हाई ग्रेड विस्फोटक भर दिया, जो आखिरकार लाल किले के पास फटा. सवाल ये उठ रहा था कि सिर्फ 10 दिनों में उन्होंने इतनी बड़ी तैयारी कैसे कर ली थी. एजेंसियों को शक था कि उमर को उस वक्त कुछ लोगों से मदद मिली, जिनका नाम अभी सामने नहीं आया है. मगर, अब सूत्रों की माने तो जांच एजेंसी को बड़ा सुराग हाथ लगा है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य खुफिया एजेंसियों ने एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है. जांच में सामने आया है कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल ने चार शहरों में आठ अलग-अलग धमाकों की योजना बनाई थी. इन धमाकों का मकसद 25 नवंबर और 6 दिसंबर को देश की सुरक्षा को दहलाना था. सूत्रों के अनुसार, 25 नवंबर को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान विस्फोट की साजिश रची जा रही थी. इसके अलावा 6 दिसंबर को दिल्ली में भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई गई थी.

जांच में यह भी पता चला है कि इस साजिश की शुरुआत 2022 में विदेश से हुई थी. विदेशी हैंडलर उकासा ने मॉड्यूल के सदस्यों उमर और मुजम्मिल को निर्देश दिए और योजना को अंजाम देने के लिए उकसाया. इतना ही नहीं इन दोनों आरोपियों ने 2023 से जनवरी 2025 तक लाल किले की कई बार रेकी भी की थी. सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में आतंकी टेलीग्राम एप के जरिए बातचीत कर रहे थे. बाद में उन्होंने अधिक सुरक्षित माने जाने वाले सिग्नल और सेशन ऐप का इस्तेमाल शुरू किया. विस्फोटक सामग्री और पुराने वाहनों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी की जा रही थी.

Source of News:- news18.com

एजेंसियों के मुताबिक, मॉड्यूल ने देश में डर और दहशत फैलाने के लिए बड़ी योजना बनाई थी, लेकिन समय रहते साजिश का पर्दाफाश कर दिया गया. जांचकर्ताओं ने कहा कि उमर और मुजम्मिल विदेश से मिले निर्देशों के तहत काम कर रहे थे और उनका मकसद सिर्फ बड़े स्तर पर आतंक फैलाना था. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपी पकड़ लिए गए हैं और उनसे आवश्यक पूछताछ जारी है.

Related Posts

बड़ी खबर! अयोध्या में विस्फोट करना चाहते थे आतंकी, स्लीपर मॉड्यूल कर रखा था एक्टिवेट, वाराणसी भी निशाने पर थी

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार आतंकियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी अयोध्या में विस्फोट करना चाहते थे। गिरफ्तार हो चुकी शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल…

यूपी में फीस के लिए उत्पीड़न: आखिरी सांस तक दर्द बयां करता रहा छात्र, वीडियो में दम तोड़ने से पहले बताई स्टोरी

मुजफ्फरनगर के डीएबी डिग्री कॉलेज में फीस को लेकर प्रताड़ित किए जाने पर आत्मदाह करने वाले छात्र उज्ज्वल की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने कॉलेज प्रबंधक और…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *