
Prayagraj Flood Alert : गंगा और यमुना ने और विकराल रूप धारण कर लिया है। खतरे का निशान 84.734 मीटर पार करने के बाद गंगा और यमुना का जलस्तर 86 मीटर के पार पहुंच गया है। उफान अभी जारी है। स्थिति काफी भयावह होती जा रही है। शहर के कई कछार के बाद अब शहर के कई पॉश इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन राहत बचाव कार्य में जुट गया है। जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो 1978 का रिकॉर्ड टूट सकता है।
Prayagraj Flood Live News : गंगा और यमुना का जलस्तर एक सप्ताह से दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यही स्थिति रही तो अगले कुछ दिनों में ही 1978 का रिकार्ड टूट जाएगा। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी फाफामऊ में 88.390 मीटर तो यमुना नदी के नैनी में 87.990 मीटर तक पहुंचने का रिकार्ड दर्ज है।
रविवार की रात तक गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 85.87 मीटर और यमुना का जलस्तर नैनी में 85.82 मीटर रिकार्ड किया गया। जानकारों की ओर से अभी दो दिन जलस्तर में वृदि्ध की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर प्रशासन की ओर से भी अलर्ट जारी किया गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो फाफामऊ में वर्ष 2021 में अधिकतम जलस्तर 86.04, वर्ष 2022 में 85.93, वर्ष 2023 में 81.250 मीटर और वर्ष 2024 में 84.07 मीटर रहा था। इस वर्ष 2025 में लगातार गंगा और यमुना का बढ़ता जलस्तर खतरे का संकेत दे रहा है।
शिविरों में भी राहत नहीं, नाश्ते और खाने को तरसे शरणार्थी
बाढ़ प्रभावित सैकड़ों परिवारों को शिविरों में भी राहत नहीं मिली। मेहबूब अली इंटर कॉलेज में शरणार्थियों को सुबह का नाश्ता नहीं मिला तो भोजन के लिए भी शाम पांच बजे तक इंतजार करना पड़ा। इस तरह की शिकायत अन्य शिविरों में भी रही। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह की ओर से खाना और नाश्ता देने वाली एजेंसी को दो नोटिस दिए गए हैं। एजेंसी बदले जाने की भी तैयारी है।
शनिवार शाम तक 13 बाढ़ राहत शिविर खुल गए थे। मेहबूब अली इंटर कॉलेज शिविर में सुबह 11 बजे सिर्फ 75 पैकेट नाश्ता पहुंचा जबकि यहां 250 से अधिक शरणार्थी हैं। इतना ही नहीं खाना भी शाम पांच बजे पहुंचा। खाने की गुणवत्ता को लेकर भी शिकायत रही। मम्फोर्डगंज स्थित सेंट जोसेफ गर्ल्स विंग में भी समय से खाना न पहुंचने की शिकायत रही। इस दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह स्कूल का निरीक्षण करने पहुंची थीं।
बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट स्कूल में भी देर से खाना पहुंचा। उसी समय शिविर के नोडल अधिकारी केके सिंह भी पहुंचे थे। शिविर में पहुंची मेडिकल टीम को लेकर भी शिकायत रही। नोडल अधिकारी ने इस बाबत पूरी रिपोर्ट मांगी और प्रभारी चिकित्सक को बैठने की चेतावनी दी। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह का कहना है कि शिविरों में लगातार लोग बढ़ रहे हैं इसलिए खाना पहुंचने में देर हो गई।
एनडीआरएफ, सीडीआरएफ ने संभाली कमान, नावें भी लगाई गईं
बाढ़ का दायरा बढ़ने के साथ एनडीआरएफ और सीडीआरएफ की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। इनके अलावा तहसील प्रशासन की ओर से 30 नावें चलाई गई हैं। इनकी मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का क्रम जारी है। पार्षदों और क्षेत्र के प्रभावी लोगों को लेखपालों, एनडीआरएफ के अफसरों व नाविकों के मोबाइल नंबर दिए गए हैं। ताकि बाढ़ में घिरे लोग मदद मांग सकें। इनके अलावा सिविल डिफेंस के लोग भी सक्रिय हैं। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह का कहना है कि 10 अतिरिक्त नावें भी रखी गई हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें भी चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम तक चार बाढ़ राहत शिविर शुरू हो गए थे।
source of amarujala
यमुना बैंक राेड उपकेंद्र के गेट तक पानी आ गया है। थोड़ा जलस्तर अगर और बढ़ेगा तो यहां से होने वाली आपूर्ति को बंद कराकर गऊघाट उपखंड से बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा नेवादा और सलोरी में लगे तीन ट्रांसफॉर्मरों को भी बंद कर दिया गया है।