Rajasthan Assembly Session: राजस्थान विधानसभा सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने हंगामा किया. “वोट चोर” के नारे लगाए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सचिन पायलट ने भी विरोध प्रदर्शन किया.

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र आज 1 सितंबर से शुरू हुआ. पहले ही दिन विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर जमकर विरोध दर्ज कराया. कांग्रेस के विधायकों ने एकजुट होकर विधानसभा के बाहर “वोट चोर” लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी की. उन्होंने “वोट चोरों सावधान”, “जाग गया हिंदुस्तान” और “वोट चोर गद्दी छोड़ो” जैसे नारे लगाए.

वहीं, विधानसभा पहुंचने पर मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने स्पीकर वासुदेव देवनानी से भी मुलाकात की. सत्र की शुरुआत के बाद शोकसभा आयोजित की गई, लेकिन हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन को 3 सितंबर तक स्थगित कर दिया.

सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा
पहले दिन ही कांग्रेस विधायक दल ने अपने तेवर दिखा दिए. विधायक आवासीय परिसर से पैदल मार्च के रूप में विधानसभा पहुंचे. यह मार्च शांतिपूर्ण दिखा, लेकिन जैसे ही विधायक विधानसभा पहुंचे, उन्होंने “वोट चोर” जैसे नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष ने सरकार पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध जताया.

विपक्ष का कहना था कि लोकतंत्र में जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह विरोध प्रदर्शन विधानसभा के बाहर काफी देर तक चलता रहा.

कांग्रेस विधायक और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता, टीकाराम जूली ने कहा, “जिस तरह से बीजेपी देश में वोट चोरी के अभियान को चलाकर सत्ता में है, राहुल गांधी ने उनकी सच्चाई उजागर की है. राहुल गांधी ने सबूतों के साथ डेटा प्रदान किया, इसके बाद चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए थी.”

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उन्होंने आगे कहा कि “चुनाव आयोग बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहा है. बिहार में राहुल गांधी को जो जन समर्थन मिला है. इन लोगों ने 65 लाख वोट काटने का भी काम किया था, इसलिए आज देश जाग गया है. हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि वह निष्पक्ष रहे.”