
अदालत ने कहा कि अभी क्यूआर कोड के मुद्दे पर विचार नहीं किया गया है और मुख्य याचिका पर सुनवाई के दौरान इस पर विचार किया जा सकता है। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है।
भोजनालयों के लिए क्यूआर कोड मामले पर सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने क्यूआर कोड संबंधी आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी होटल मालिकों को लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने क्यू कोड अनिवार्य करने के मुद्दे पर कोई निर्देश नहीं दिया। अदालत ने कहा कि अभी क्यूआर कोड के मुद्दे पर विचार नहीं किया गया है और मुख्य याचिका पर सुनवाई के दौरान इस पर विचार किया जा सकता है। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है।
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याचिकाकर्ताओं को डर- इससे सांप्रदायिक हिंसा बढ़ने का खतरा
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहना भेदभाव है और साथ ही यह कांवड़ियों के लिए संकेत है कि उन्हें किस दुकान को नजरअंदाज करना है। उनके अनुसार, दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहना भेदभाव है और साथ ही यह कांवड़ियों के लिए संकेत है कि उन्हें किस दुकान को नजरअंदाज करना है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें डर है कि सरकार के इस फैसले से सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा और इससे भीड़ हिंसा की आशंका भी बढ़ जाएगी, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हो सकती हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश निजता के अधिकार का उल्लंघन है। गौरतलब है कि बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों के ऐसे ही निर्देश पर रोक लगा दी थी।