
यूपी के बिजनौर में नायब तहसीलदार ने पिस्टल से गोली मारकर जान दे दी। आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। नायब तहसीलदार राजकुमार मूल रूप से बागपत के गांव नांगल के रहने वाले थे। वह माता-पिता, पत्नी और बच्चों के संग बिजनौर में रह रहे थे।
बिजनौर सदर तहसील के नायब तहसीलदार राजकुमार (40) ने अपने सरकारी आवास पर बुधवार सुबह लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली कनपटी से सटाकर मारी गई, जो कि आरपार हो गई थी। उन्होंने आत्महत्या क्यों की इसका कारण स्पष्ट नहीं हुआ।
नायब तहसीलदार राजकुमार पुत्र कुंवरपाल बुधवार सुबह करीब आठ बजे प्रयागराज से बिजनौर की ऑफिसर कॉलोनी में स्थित अपने सरकारी आवास पर पहुंचे। करीब दस बजे अपने पिता कुंवरपाल से नहाने की बात कहते हुए कमरे में चले गए। कुछ ही देर में अंदर से गोली चलने की आवाज आई।
परिवार वालों ने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। आसपास के लोगों और अन्य राजस्व कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर बिस्तर पर राजकुमार खून से लथपथ पड़े मिले।
पास में ही लाइसेंसी पिस्टल पड़ी थी। पुलिस और अधिकारी भी वहां पहुंच गए। राजकुमार को बीना प्रकाश अस्पताल में ले जाया गया। खबर मिलते ही डीएम जसजीत कौर, एसपी अभिषेक झा और तमाम सरकारी अमला अस्पताल में पहुंच गया। वहां काफी देर तक इलाज चला और करीब डेढ़ बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
राजकुमार मूल रूप से बागपत के गांव नांगल के रहने वाले थे। वह माता-पिता, पत्नी और बच्चों के संग बिजनौर में रह रहे थे। उधर, पुलिस आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं होने की बात कह रही है। वहीं परिजनों का कहना है कि उन्हें यह पता ही नहीं कि राजकुमार ने ऐसा कदम क्यों उठा लिया।
छोटी बेटी शावी को प्यार-दुलार किया
नायब तहसीलदार राजकुमार सरकारी काम से हाईकोर्ट प्रयागराज गए थे। बुधवार की सुबह करीब 8 बजे लौटे। घर पर छोटी बेटी शावी को प्यार-दुलार किया। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया। नहाने और तैयार होकर ड्यूटी पर जाने की बात कहते हुए राजकुमार कमरे में दाखिल हुए थे, करीब 20 मिनट तक कमरे का दरवाजा अंदर से बंद रहा। बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो बेड पर खून से लथपथ मिले।
बेटे की हालत देख पिता कुंवरपाल बिलख पड़े, उनके मुंह से निकला, सब लुट गया अंधेरा हो गया दुनिया में। पिता कुंवरपाल, अधिकारियों से रोते हुए यह गुहार लगाते रहे कि उनके बेटे को किसी तरह से बचा लो..। उधर, राजकुमार की पत्नी आंचल घटना के बाद से बेसुध हो गई। दोपहर बाद तक बेसुध हालत में पड़ी रही।
सिर में आर-पार हो चुकी थी गोली, नहीं बच सकी जान
पिस्टल से चली गोली सिर में आर-पार हो चुकी थी। हालत बेहद नाजुक रही, ऐसे में चिकित्सकों ने तमाम प्रयास किए लेकिन नायब तहसीलदार राजकुमार की जान को बचाया नहीं जा सका।
दरअसल जिस पिस्टल से खुद को गोली मारी, उसका लाइसेंस भी एक साल पहले ही लिया था। उस वक्त सर्वे में आ रही दिक्कतों को देखते हुए लाइसेंस जारी किया गया था। बुधवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला गया। फिर राजस्व कर्मी एंबुलेंस का इंतजार किए बिना ही तहसीलदार की गाड़ी में डालकर अस्पताल ले आए।
एसडीएम रितू रानी और तमाम राजस्व कर्मियों का अस्पताल में जमावड़ा लग गया। डीएम जसजीत कौर, एसपी अभिषेक झा, एएसपी सिटी संजीव वाजपेयी भी पहुंचे। सरकारी अमले ने डॉक्टरों से हरसंभव प्रयास करते हुए राजकुमार को बचा लेने की गुजारिश की। मगर नियति को कुछ और मंजूर था, चिकित्सकों के काफी प्रयास के बाद भी जान नहीं बच सकी।
Source of News:- amarujala.com
पिछले साल विवाद में भी घिर गए थे नायब तहसीलदार
नायब तहसीलदार पिछले साल अप्रैल माह में एक विवाद में घिर गए थे। उस वक्त बिजनौर शहर की एक युवती ने नायब तहसीलदार पर 28 फरवरी 2024 को अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया था। लड़की ने नायब तहसीलदार के खिलाफ तहरीर भी सौंप दी थी। मामले में जांच भी हुई, लेकिन बाद में विवाद निपट गया था। इसके तुरंत बाद ही उनका तबादला नगीना तहसील के लिए कर दिया गया। इस तबादले को भी इस विवाद से ही जोड़कर देखा गया था। उधर, लेखपालों का कहना है कि नायब तहसीलदार राजकुमार बेहद ही खुशमिजाज व्यक्ति थे और हमेशा गर्म जोशी के साथ लोगों से मुलाकात करते थे।