UP: ‘मां का दबाया था गला…बिहार की लड़की और 85,000 की घड़ी’, 14 लाख हारकर जान देने वाले यश को लेकर नया खुलासा

ऑनलाइन गेम में 14 लाख रुपये हारने के बाद जान देने वाले छात्र को लेकर नया खुलासा हुआ है। लखनऊ के छात्र याश को गुमराह कर बिहार की युवती भी रकम वसूल रही थी। जांच में सामने आया कि खाते से 400 से अधिक बार बिहार के छह खातों में रकम भेजी गई थी।

ऑनलाइन गेम में 14 लाख रुपये हारने के बाद यश के आत्महत्या करने की पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। इसमें सामने आया है कि ऑनलाइन गेम के बहाने बिहार के गिरोह की युवती भी यश को गुमराह कर रकम वसूल रही थी। उसका साथी भी छात्र के संपर्क में था। दोनों ने यश से कीमती सामान की खरीदारी कराई थी। यश यूपीआई से भुगतान करता था। पिता सुरेश यादव के बैंक खातों की जांच में सामने आया कि खाते से 400 से अधिक बार बिहार के छह खातों में रकम भेजी गई थी।

इनमें से एक महिला के नाम से है। यूनियन बैंक की बिजनौर शाखा के मैनेजर से यश के पिता के खातों का ब्योरा मांगा गया है। मैनेजर ने मुंबई के हेड ऑफिस से इसकी अनुमति मांगी है। शाखा प्रबंधक ने अन्य खातों का विवरण भी उपलब्ध कराने की बात कही है।

मां का दबा दिया था गला

यश गिरोह के चंगुल में बुरी तरह फंस गया था। सुरेश ने बताया कि यश के मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कोशिश की तो वह आक्रामक हो गया। एक बार तो मोबाइल फोन के लिए वह मां विमला का गला दबाने लगा था। फोन मिलने पर वह शांत हुआ था।

एप्पल की घड़ी भी खरीदी

यश ने अगस्त में 85 हजार रुपये की एप्पल की घड़ी खरीदी थी। माना जा रहा है कि इसे गिरोह ने अपने लिए मंगवाया था।

ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए सरकारः अजय राय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार शाम यश के घर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अजय राय ने कहा, यश की मौत पीड़ादायक है। ऑनलाइन गेम ने परिवार को उजाड़ दिया। ऐसे कई बच्चे इसके चंगुल में आकर जान गवां चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध नहीं लगा पा रही है। सरकार को सख्त कदम उठाकर इन्हें प्रतिबंधित करना चाहिए।

पुलिस ने किया संवाद
साइबर क्राइम व ऑनलाइन गेम को लेकर जागरूक करने के लिए मोहनलालगंज पुलिस ने बच्चों से संवाद किया। एसीपी रजनीश वर्मा के निर्देश पर बनी टीम ने मऊ गांव में कृष्ण लीला के पंडाल का दौरा किया। यहां मौजूद बच्चों व अभिभावकों को ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव बताए। चौकी प्रभारी अतुल सिंह ने कहा कि बच्चों को अनावश्यक मोबाइल फोन न दें।

ऑनलाइन गेमिंग एप के जाल में फंसकर 13 साल के किशोर ने गंवाए 14 लाख, दी जान
लखनऊ के मोहनलालगंज में ऑनलाइन गेम फ्री फायर के जाल में फंसकर 13 साल के यश ने जान दे दी। मकान बनवाने के लिए खेत बेचकर बैंक में जमा पिता के 14 लाख रुपये वह गेम में हार गया था। इससे वह घबरा गया था। मोहनलालगंज के धनुवासाड़ गांव निवासी सुरेश कुमार यादव का बेटा यश कुमार कक्षा छह में पढ़ता था। एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा के मुताबिक सोमवार को सुरेश बैंक में रकम निकालने गए थे। वहां पता चला कि खाते में पैसे ही नहीं हैं। सुरेश बैंक मैनेजर से खाते से पैसे गायब होने की शिकायत कर घर लौट आए।

परिजनों को पूरी बात बताई। तब यश घर पर ही था। उसे जैसे ही पता चला कि खाते से रकम गायब होने की जानकारी पिता को हो गई है वह पढ़ाई के बहाने बैग लेकर छत पर बने कमरे में चला गया। कमरे में डर के मारे फंदा लगा लिया। रात को यश की बहन गुनगुन ऊपर कमरे में गई तो यश को फंदे पर लटका देखा। गुनगुन चीख पड़ी तो आवाज सुनकर परिजन छत पर पहुंचे और यश को फंदे से नीचे उतारकर सीएचसी लेकर गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

Source of News:- amarujala.com

बैटल रॉयल शैली का गेम है फ्री फायर
फ्री फायर गेम बैटल रॉयल शैली पर आधारित है। इसमें गेम खेलने वाला दूसरों से लड़ता है। खेलने वाले को को हथियार ढूंढने होते हैं और दुश्मनों को खत्म करना होता है। बच्चे गेम में पसंद की चीजें खरीदने के लिए पैसे खर्च करते हैं और लाखों गंवा देते हैं। वर्ष 2022 में सरकार ने डाटा प्राइवेसी और सुरक्षा के चलते इस गेम को बैन कर दिया था लेकिन अभी भी यह पहुंच में है।

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