
UP News today in Hindi: यूपी के मैनपुरी जिले में बेटों की उपेक्षा से त्रस्त बुजुर्ग ने नहर में छलांग लगा दी। पति के पीछे-पीछे पत्नी भी नहर में कूद गई। 72 वर्षीय पत्नी पति का हाथ पकड़कर नौ किलोमीटर तक तैरती रही। लेकिन वो पति को बचा नहीं पाई। रोते हुए पत्नी ने बताया कि पति का कूल्हा टूट गया था इसके बाद वो अपाहिज हो गए थे। बेटे पति को दवा तक के लिए पैसे नहीं देते थे।
यूपी के मैनपुरी जिले से शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां जवान बेटों की उपेक्षा और असहनीय उत्पीड़न से हारकर फिरोजाबाद के 75 वर्षीय बुजुर्ग रामलड़ते ने शुक्रवार सुबह मैनपुरी आकर घिरोर पुल से इटावा ब्रांच नहर में छलांग लगा दी। पति को रोकने पीछे आ रही 72 वर्षीय बुजुर्ग ने भी पति की जान बचाने को नहर में छलांग लगी दी।
नौ किलोमीटर तक पति का हाथ थाम कर बाहर निकालने की कोशिश में तैरती रही। मगर, नियति को कुछ और ही मंजूर था। बुजुर्ग का असाधारण संघर्ष पति की जान तो नहीं बचा सका। मगर, उसके अदम्य साहस ने असीम प्रेम की दास्तान लिख दी।
फिरोजाबाद के बुजुर्ग ने इटावा ब्रांच नहर में कूदकर दी जान
दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव जवापुर नहर पुल के पास ग्रामीणों ने नहर से महिला को निकाला। पूछने पर 72 वर्षीय श्रीदेवी ने बताया कि वह फिरोजाबाद के जलेसर रोड झलकारी नगर की रहने वाली हैं। उनके पति 75 वर्षीय रामलड़ते की नहर में डूबने से मौत हुई है।
रोते हुए श्रीदेवी ने बताया कि बेटे-बहुओं से परेशान होकर पति शुक्रवार सुबह गुस्से में घर से निकल आए थे। वह जान देने की बात कह रहे थे। इस वजह से वह भी उनके पीछे चल दी। घिरोर पुल के पास पहुंच कर पति नहर में कूदने के लिए पुल पर चढ़ने लगे, उनको रोकने के लिए हाथ पकड़ लिया।
मगर, पति ने हाथ झटक कर नहर में छलांग लगा दी। पति को बचाने वह भी नहर में कूद गई। काफी दूर तक वह पति का हाथ पकड़े हुए नहर के तेज बहाव में तैर कर किनारे पर आने की कोशिश करती रहीं। मगर, बहाव तेज होने के कारण वह सफल नहीं हो पा रही थी। कुछ ही देर में पति अचेत हो गए।
शर्मनाक: बेटों ने दवा तक के लिए पैसे देने से किया था इनकार
श्रीदेवी ने रोते हुए बताया कि उनके चार बेटे हैं। इनमें निर्वेश कुमार, सर्वेश कुमार, किशोरी और सीताराम शामिल हैं, सभी मजदूरी करते हैं। तीन साल पहले उनके पति रामलड़ते का कूल्हा टूट गया था जिसके बाद वे काम करने में पूरी तरह से असमर्थ हो गए थे।
पहले वे फेरी लगाकर सामान बेचते थे और थोड़ी खेती भी करते थे। इससे घर का खर्च चलता था। लेकिन, जब वे अपाहिज हुए, तो उनके अपने ही बेटों ने उनसे मुंह मोड़ लिया। उन्हें दवा के लिए भी पैसे देना बंद कर दिया था।
पति को खोने के बाद श्रीदेवी का रो-रोकर बुरा हाल दन्नाहार थाना क्षेत्र के जवापुर गांव के पास कुछ ग्रामीणों ने दोनों को नहर में देखा और उन्हें बाहर निकाला। हालांकि तब तक रामलड़ते का जीवन समाप्त हो चुका था। पति को खो देने के गम में श्रीदेवी का रो-रोकर बुरा हाल था, लेकिन कुछ समय बाद उनकी आंखें पथरा सी गई, जैसे उनमें अब कोई आंसू ही नहीं बचा था।
छोटे बेटे ने रोका, पर नहीं रुके वृद्ध दंपती
शुक्रवार की शाम को रामलड़ते का शव झलकारीनगर स्थित आवास पर पहुंचा तो कोहराम मच गया। परिवार की महिलाएं बिलख रही थीं। मृतक के बेटे सर्वेश ने बताया कि छोटे भाई सीताराम के पास रहने के कारण उन्हें गुस्से में जाने से रोका था। लेकिन अपनी जिद के आगे उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
गुस्से में चले गए और यह कदम उठा लिया। थाना उत्तर के झलकारी नगर निवासी रामलड़ते पत्नी श्रीदेवी के साथ सबसे छोटे पुत्र सीताराम के पास रहते थे। उन्होंने आजीविका चलाने को घर में परचून की दुकान खोल रखी थी। इनमें दो बेटे मकान के आसपास व एक भाई कुछ दूरी पर रहता है।
Sources of news:- amarujala.com
रामलड़ते के पुत्र सर्वेश ने बताया कि शुक्रवार को उनके पिता और मां सुबह साढ़े पांच बजे छिबरामऊ जाने के लिए गुस्से में तैयार हो गए थे। सीताराम ने दोनों को काफी रोकने का भी प्रयास किया था लेकिन वह नहीं रुके। बाद में मौत की सूचना मिली।