मुजफ्फरनगर के डीएबी डिग्री कॉलेज में फीस को लेकर प्रताड़ित किए जाने पर आत्मदाह करने वाले छात्र उज्ज्वल की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने कॉलेज प्रबंधक और दरोगा समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना के डीएबी डिग्री कॉलेज में फीस को लेकर प्रताड़ित किए जाने पर आत्मदाह करने वाले छात्र उज्ज्वल राणा (20) ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। आक्रोशित लोगों द्वारा हंगामा-प्रदर्शन करने पर पुलिस-प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा।
कॉलेज के प्रबंधक, प्राचार्य, पीटीआई के अलावा दरोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ धमकी और गाली-गलौज की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में डीएम उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय वर्मा को बुलाकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई के आदेश दिए।
मूल रूप से बागपत के भड़ल गांव का रहने वाला उज्ज्वल राणा अपने परिवार के साथ कस्बे के मोहल्ला खाकरोबान में रह रहा था। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल ने आत्मदाह करने से पहले वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि प्राचार्य प्रदीप कुमार ने फीस जमा करने को लेकर उसके बाल खींचे और पिटाई भी की।
कोतवाली में धरने पर बैठे भाकियू के पदाधिकारी
इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों को बुलाकर प्रताड़ित किया। रविवार को जनपद जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान ने कार्यकर्ताओं के साथ कॉलेज के सामने हंगामा किया। भाकियू के पदाधिकारी भी कोतवाली में धरने पर बैठ गए।
साथी छात्रों ने किसी तरह आग बुझाई और करीब 80 फीसदी जले छात्र को सीएचसी से गंभीर हालत में पहले मेरठ फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद मौके पर डीएम और एसएसपी भी पहुंच गए।
बाल नोंचे, गाली दी और पीटा
मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में छात्र उज्ज्वल राणा ने वायरल वीडियो में कहा कि मेरे साथ ऐसी घटना हुई, जिसने मुझे तोड़कर रख दिया। प्राचार्य प्रदीप कुमार ने मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार किया। मुझे गाली दी, मेरे बाल नोंचे और मेरी पिटाई की। मैंने सिर्फ गरीब और असहाय छात्र, जो फीस नहीं होने के कारण परीक्षा फार्म जमा नहीं कर पा रहे थे, उनकी मदद करने के लिए आवाज उठाई थी।
इसकी सजा अपमान कर और डरा-धमकाकर दी गई। न्याय की बात की तो कॉलेज में पुलिस बुला ली गई। पुलिसकर्मी धर्मवीर, नंद किशोर और विनीत, जिनसे मुझे मदद की उम्मीद थी, उन्होंने भी मुझे गालियां दी। मुझे डराने-धमकाने की कोशिश की। इन सबके शब्दों ने मेरी आत्मा को गहरी ठेस पहुंचाई है।
Source of News:- amarujala.com
मुझे तोड़ दिया। ईमानदारी और कानून के प्रति सच्चाई की कड़ी टूट गई है। मैं खुद से ही सवाल पूछने लगा हूं कि क्या सच्चाई के लिए आवाज उठाना गलत है। में दर्द से गुजर रहा हूं लेकिन डरूंगा नहीं। यदि में आत्महत्या करता हूं तो इसका दोष प्राचार्य, पुलिसकर्मी नंद किशोर, धर्मवीर और विनीत पर होगा।






