
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। ( फोटो- रॉयटर्स )
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को खाली कराने और पुनर्निर्माण का प्लान दुनिया के सामने साझा। डोनाल्ड ट्रंप गाजा पट्टी को मध्य पूर्व का रिवेरा बनाना चाहते हैं। ट्रंप ने खुद कहा कि इस पर बड़ी रकम खर्च होगी। फलस्तीनियों को गाजा छोड़ना होगा। ट्रंप पूरे गाजा पट्टी को रिसॉर्ट में बदलना चाहते हैं। मगर अरब देश उनके प्लान के खिलाफ हैं।
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आइए जानते हैं कि ट्रंप का गाजा रिसॉर्ट प्लान क्या है… इसका विरोध क्यों? इजरायल इसके समर्थन में क्यों, अगर फलस्तीनी यहां से हटे तो कहा जाएंगे।
क्या है गाजा रिसॉर्ट प्लान?
डोनाल्ड ट्रंप गाजा पट्टी पर अमेरिका की वर्षों पुरानी नीति को पलटने के मूड में है। ट्रंप की योजना पूरे गाजा पर कब्जा करने की है। सबसे पहले गाजा के लोगों को उनके घरों से हटाया जाएगा। इसके बाद वहां बची बाकी इमारतों को ढहाया जाएगा। अमेरिका के कब्जे के बाद पूरे गाजा पट्टी को दोबारा विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित किया जाएगा। रेलवे, सड़क और बंदरगाहों का विकास किया जाएगा। ट्रंप का मानना है कि यह आधुनिक शहर दुनियाभर के लोगों को अपनी और खींचेगा।
- डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि अमेरिका गाजा पर कब्जा कैसे करेगा। मगर उन्होंने कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद इजरायल गाजा को अमेरिका को सौंप देगा। बता दें कि अमेरिका का गाजा पर कोई कानूनी दावा नही हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप लगभग 22 लाख फलस्तीनी नागरिकों को मिस्र और जॉर्डन में बसाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गाजा के बाहर मिस्र और जॉर्डन में छह सुरक्षित समुदाय बनाए जाएंगे। यहां फलस्तीनी रह सकेंगे।
- ट्रंप का मानना है कि गाजा के विकास से नौकरियों के हजारों अवसर पैदा होंगे। दुनियाभर के लोग यहां रह सकेंगे। मगर फलस्तीनियो को गाजा लौटने का कोई अधिकार नहीं होगा।
- मिस्र और जॉर्डन काफी हद तक अमेरिकी मदद पर निर्भर है। ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर इन दिनों ने फलस्तीनियों को नहीं बसाया तो अमेरिका आर्थिक मदद रोक देगा।
कहां जाएंगे फलस्तीनी नागरिक?
डोनाल्ड ट्रंप के प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट का कहना है कि गाजा में अमेरिका सेना की तैनाती नहीं करेगा। फलस्तीनियों को सिर्फ कुछ समय के लिए घर छोड़ना होगा, ताकि पूरे इलाके का विकास किया जा सके। डोनाल्ड ट्रंप फलस्तीन के लोगों को जॉर्डन और मिस्र में भेजना चाहते हैं। जबकि इजरायल का कहना है कि सऊदी अरब को गाजा के लोगों को अपने यहां बसाना चाहिए।
गाजा में अमेरिका को क्या-क्या करना होगा?
गाजा का पुनर्निर्माण बहुत बड़ा प्रोजेक्ट होगा। अमेरिका को सड़कों का विकास करना होगा। पानी और बिजली की लाइनों को ठीक करना पड़ेगा। स्कूलों-अस्पतालों और दुकानों को दोबारा आबाद करना होगा। खतरनाक बम और विस्फोटकों को गाजा से खोजकर हटाना पड़ेगा। मलबे के पहाड़ को भी स्थानांतरित करना होगा। ट्रंप के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ का मानना है कि गाजा के विकास में कई साल लगेंगे।
क्यों विरोध करने में जुटे अरब देश?
डोनाल्ड ट्रंप के प्लान की दुनियाभर के कई देशों ने आलोचना की। जर्मनी, ब्राजील, सऊदी अरब , जॉर्डन और मिस्र ने इसे तुरंत खारिज कर दिया। उधर, गाजा के लोगों का कहना है कि वे खंडहर में तब्दील हो चुके अपने घरों को नहीं छोड़ेंगे। सऊदी अरब का कहना है कि वह फलस्तीनी को बेघर करने के किसी भी प्लान को स्वीकार नहीं करेगा।
- अरब देशों का मानना है कि ट्रंप के प्रस्ताव से अरब-इजरायल संघर्ष बढ़ सकता है।
- अरब देशों को डर है कि ट्रंप के प्लान से दो राज्य समाधान की संभावना खतरे में पड़ सकती है।
- जॉर्डन, मिस्र और सऊदी अरब का मानना है कि पलायन से उनके यहां स्थिति बिगड़ सकती है।
किस तैयारी में अरब देश?
मिस्र की राजधानी काहिरा में 27 फरवरी को अरब लीग की बड़ी बैठक है। इस बैठक का उद्देश्य फलस्तीनियों का समर्थन करना है। मिस्र में एक प्रस्ताव पेश करेगा। इसके तहत फलस्तीनियों के बिना विस्थापन के गाजा का पुनर्निर्माण और रोजगार के अवसर पैदा करने पर चर्चा होगी। उससे पहले 20 फरवरी को सऊदी अरब चार अरब देशों के नेताओं की मेजबानी करेगा। इसमें भी गाजा पर अमेरिकी कब्जा वाले प्लान पर चर्चा होगी।
क्या है गाजा पट्टी?
गाजा पट्टी इजरायल के पश्चिम तट पर एक छोटा सा भूभाग है। यह पट्टी 45 किमी लंबी और अधिकतम 10 किमी चौड़ी है। इसके दक्षिण में मिस्र का सिनाई, पश्चिम में भूमध्य सागर और उत्तर व पूर्व में इजरायल है। गाजा का क्षेत्रफल (360 वर्ग किमी) अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी से दोगुना है। गाजा पट्टी फलस्तीन का हिस्सा है।