जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से 350 किलो विस्फोटक, दो AK-47 और भारी गोला-बारूद बरामद किया है. गिरफ्तार कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद राठर से जांच में अहम खुलासे हुए हैं.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद कर एक अहम सफलता हासिल की है. पुलिस ने 350 किलोग्राम विस्फोटक, 2 एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किया. यह कार्रवाई कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद राठर के खिलाफ चल रही जांच के दौरान हुई खुलासों के आधार पर की गई. पूछताछ में सामने आया कि राठर ने पहले कश्मीर घाटी में अपने लॉकर में भी एके-47 राइफल और अन्य गोला-बारूद रखा था. अधिकारियों के अनुसार, डॉक्टर ने अपने लिए अलग कमरा किराये पर लिया था, जहां हथियारों और विस्फोटक सामग्री को छिपाया गया था. अब इस केस को NIA के हवाले किया जा सकता है.
गजवत-उल-हिंद से जुड़े हैं तार
यह बरामदगी अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) नामक आतंकी संगठन से जुड़े मामले की जांच का हिस्सा है. जांच में पता चला है कि इस संगठन से तीन डॉक्टर जुड़े हुए थे. इनमें से दो डॉक्टरों- आदिल अहमद राठर (अनंतनाग निवासी) और मुजम्मिल शकील (पुलवामा निवासी) को सहारनपुर और फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीसरे डॉक्टर की तलाश अभी जारी है.
आदिल राठर को लेकर हैरान करने वाला खुलासा
आदिल राठर को लेकर दो दिन पहले भी सनसनीखेज खुलासा हुआ था. अनंतनाग मेडिकल कॉलेज (GMC) में उसके निजी लॉकर से AK-47 राइफल बरामद की गई थी. दोनों गिरफ्तार डॉक्टर फिलहाल जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं. अधिकारियों के अनुसार, यह घाटी से हाल के वर्षों में बरामद सबसे बड़ी मात्रा में विस्फोटक है और इसकी जांच अभी भी जारी है.
कौन है आदिल राठर?
गिरफ्तार आदिल अहमद राठर अनंतनाग का रहने वाला है और सहारनपुर के अंबाला रोड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में तैनात था. कुछ दिन पहले श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए जाने से शहर में तनाव फैल गया था. इस मामले में पुलिस ने 28 अक्टूबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
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आदिल ने हाल ही में महिला डॉक्टर से किया था निकाह
जानकारी के अनुसार, राठर ने पिछले महीने सहारनपुर की एक महिला डॉक्टर से निकाह किया था. घटना के बाद लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और पुलिस प्रशासन सतर्क हो गए हैं. अब श्रीनगर से आने वाले डॉक्टरों और अन्य लोगों की पड़ताल की जा रही है. बताया जा रहा है कि सहारनपुर के कई निजी अस्पतालों में काम करने वाले जम्मू-कश्मीर के लोग अब सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके.







