
दिल्ली में इन दिनों यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। इसे लेकर मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा है कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हालात नियंत्रण में है।
दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आई एंड एफसी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले छह महीनों में यमुना नदी की जल-वहन क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। आईटीओ बैराज के निरीक्षण पर आए मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर चिंतित होने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है। वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले छह महीनों में नदी की जलवहन क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा कदम उठाए गए हैं। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और अगर जलस्तर एक या दो मीटर और बढ़ता है, तो भी 2023 की तरह पानी दिल्ली की सड़कों पर नहीं आएगा।’’
क्या बोले प्रवेश वर्मा
बुधवार सुबह आठ बजे पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर यमुना नदी का जलस्तर 206.83 मीटर दर्ज किया गया, जो निकासी के निशान 206 मीटर से ऊपर है। जलस्तर बढ़ने के कारण जिला प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है और ओआरबी को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘यमुना नदी का पानी अधिकृत क्षेत्र में बने किसी भी मकान में नहीं घुसा है। बाढ़ का पानी उन्हीं मकानों में घुसा है जिन्होंने पूर्व में चेतावनी दिए जाने के बावजूद बाढ़ वाले क्षेत्र में अपने मकान बनाए। हमारी बचाव टीम काम कर रही हैं। अगर जलस्तर 209 मीटर तक भी पहुंच जाता है, तो भी अधिकृत क्षेत्र में बने किसी भी मकान में बाढ़ का पानी नहीं घुसेगा। हमें उम्मीद है कि शाम तक जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा।’’
Source of News:- indiatv.in
तीनों बैराजों पर रखी जा रही निगरानी
सरकार के अनुसार, तीन बैराजों – हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला – से पानी के प्रवाह की लगातार 24 घंटे निगरानी की जा रही है। बता दें कि राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस बीच जिला प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है और ओआरबी को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है। पूर्वानुमान के अनुसार जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।’’