
Aligarh News: इस्लाम में फतवे की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितना इसका इतिहास. सहाबा-ए-इकराम के दौर से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है.
अलीगढ़: इस्लाम में फतवे की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितना इसका इतिहास. सहाबा-ए-इकराम के दौर से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है. फतवा सिर्फ एक राय नहीं, बल्कि कुरान, हदीस और शरीयत की रोशनी में दिया गया मार्गदर्शन है जो मुसलमानों के मसाइल का हल बताने के लिए होता है. लेकिन हर कोई फतवा नहीं दे सकता. इसके लिए गहरी तालीम, लम्बा सफर और बड़ी जिम्मेदारी की जरूरत होती है. यही वजह है कि जो शख्सियत इस मुकाम तक पहुंचती है उसे “मुफ्ती” कहा जाता है. आखिर कौन होता है मुफ़्ती और कैसे बनता है एक मुफ़्ती इन्ही सवाल के जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने अलीगढ़ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इफराहीम हुसैन से खास बातचीत की.
कौन दे सकता है फतवा
जानकारी देते हुए अलीगढ़ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इफराहीम हुसैन ने बताया कि फतवे देना यह अमल सहाबा-ए-इकराम रज़ि अल्लाहु अन्हुम के दौर से शुरू हुआ और यह सिलसिला आज तक चला आ रहा है. मुगल काल में भी रहा, ब्रिटिश शासनकाल में भी रहा और आज भी जारी है. फतवा देने के लिए इस्लाम का विद्वान होना जरूरी है. इसके लिए कुरान और हदीस की गहरी जानकारी होना तथा शरीयत के आधार पर मुस्लिम समाज के मसाइल का हल बताना ज़रूरी है. सही और गलत का फैसला कुरान, हदीस और शरीयत की रोशनी में किया जाता है.
मौलाना इफराहीम हुसैन ने बताया कि फतवा देने वाले को मुफ्ती कहा जाता है. मुफ्ती बनने के लिए इस्लामी विद्वान होना ज़रूरी है. बड़े-बड़े मदारिस इसके लिए खास तालीम देते हैं. आलिमियत और फाज़िलत की डिग्रियों के बाद दारुल इफ्ता का कोर्स कराया जाता है, जिसमें खास तौर पर फतवा देने की तालीम दी जाती है. इस तरह कहा जा सकता है कि आलिम और फाज़िल के बाद मुफ्ती की डिग्री सबसे ऊँची होती है.
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मुफ्ती की पदवी उम्र से सीमित नहीं है
मौलाना ने कहा कि मुफ्ती बनने के लिए लंबी पढ़ाई ज़रूरी होती है. इसमें कुरान का हाफ़िज़ होना, क़िराअत की जानकारी, आलिम और फाज़िल की पढ़ाई और उसके बाद दारुल इफ्ता का कोर्स करना शामिल है. इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 30 से 35 साल की उम्र हो जाती है. मुफ्ती की पदवी उम्र से सीमित नहीं है. जब तक कोई विद्वान जीवित है और उसके पास इल्म है, कुरान और हदीस की जानकारी है, शरीयत की समझ है, तब तक वह मुफ्ती कहलाता है और फतवा दे सकता है.