Delhi Mock Drill Suraksha Chakra LIVE: दिल्लीवालों घबराना नहीं, पूरे शहर में आज बजेंगे सायरन, रहेगा हाई अलर्ट, मगर…

Suraksha Chakra: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप और अन्य आपदा को लेकर आज मॉक ड्रील हो रहा है. दिल्ली में अगर भूकंप आता है तो लोगों को मेट्रो समेत अलग-अलग आपदाओं से निपटा जाएगा?

Delhi Mock Drill: दिल्ली के कई हिस्सों में भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरे को लेकर एक हाई लेवल ड्रिल आयोजित की जा रही है. आज पूरे शहर में सायरन बज सकते हैं. मगर, घबराने की जरूरत नहीं है. यह दिल्ली को किसी भी प्रकार की आपदा से बचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है. यह ड्रील पीएमओ के आदेश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा भारतीय सेना तथा संबंधित राज्यों के सहयोग से किया जा रहा है. इसे सुरक्षा चक्र नाम दिया गया है.


आज दिल्ली में आपदा मॉक ड्रील ‘एक्सरसाइज सुरक्षा चक्र’ नाम से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की एजेंसियां शामिल होंगी. यह अब तक का सबसे बड़ा मल्टी-स्टेट और मल्टी-एजेंसी आपदा प्रबंधन अभ्यास है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है.

दिल्ली-एनसीआर में मॉक ड्रील को लेकर सभी लोगों के मोबाइल पर NDMEAW-G के द्वारा फ्लैश मैसेज भेजा जा रहा है. इसमें लोगों को पैनिक ना होने की सलाह दी गई है. मैसेज कुछ इस प्रकार से हो सकता है.

पश्चिमी दिल्ली के रमेश नगर मेट्रो स्टेशन पर भी एक बड़े स्तर की मॉक ड्रिल की जा रही है. इसमें भूकंप के बाद के हालातों को रियल टाइम में दर्शाया गया. इस अभ्यास का उद्देश्य था जानना कि इमरजेंसी कॉल के बाद बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में कितना समय लगता है और उनकी तैयारियां कैसी हैं. इस मॉक ड्रिल में वेस्ट दिल्ली की DDMA, दिल्ली फायर सर्विस, दिल्ली पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली मेट्रो, और CISF ने भाग लिया. ड्रिल में यह देखा गया कि भूकंप की स्थिति में मेट्रो स्टेशन पर पिलर टूटने, आग लगने या यात्रियों के घायल होने जैसी स्थितियों में बचाव कैसे किया जाएगा.

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घायलों को स्ट्रेचर पर बाहर निकालकर फौरन प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया को भी अभ्यास का हिस्सा बनाया गया. प्रशासन की ओर से कहा गया कि इस तरह के मॉक ड्रिल से वास्तविक आपदा की स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन अधिक प्रभावशाली और तेज़ हो पाएगा.
अभ्यास के मुख्य उद्देश्य:

  • भूकंप और रासायनिक आपदा के लिए तैयारियों की हकीकत जांचना.
  • इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS) की कार्यक्षमता को परखना.
  • विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना.
  • जनता में जागरूकता और आपदा के प्रति प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाना.
    दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में एक तीव्र भूकंप के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्रों में रासायनिक रिसाव का सिमुलेशन किया जाएगा, जिससे घनी आबादी वाले और संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रभाव डाला जाएगा. महत्वपूर्ण सूचना: यह सिर्फ एक मॉक ड्रिल है. कोई वास्तविक खतरा नहीं है. निवेदन है कि:
    ⦁ घबराएं नहीं और अफवाहें न फैलाएं
    ⦁ अपने क्षेत्र में हो रहे अभ्यास में सहयोग करें
    ⦁ केवल आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें (DDMA, जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से)

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