पहले आईडी मांगी, फिर कलमा पढ़वाया,और खतना चेक कर मार दी गोली, शवों की जांच करने वाले अधिकारियों ने की पैंट की जिप खुले होने की पुष्टि

पहलगाम हमले के बाद एक भयानक सच्चाई सामने आई है। आतंकवादियों ने 26 में से 20 पुरुषों की धार्मिक पहचान जानने के लिए उनके कपड़े उतरवाए। पहचान सुनिश्चित होने पर, उन्होंने पीड़ितों को करीब से गोली मार दी। इस नरसंहार की जांच तेजी से चल रही है, जिसमें 70 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

SOURCE OF NEWS-NAVBHARATTIMES

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए हमले के बाद एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। हमले में मारे गए 26 लोगों में से लगभग 20 पुरुषों के कपड़ों के साथ कुछ अजीब हुआ था। अधिकारियों की एक टीम ने जब मृतकों के शवों की जांच की, तो उन्होंने पाया कि कई पीड़ितों की पतलून खुली हुई थी या नीचे खींची हुई थी। आतंकवादियों ने उन्हें मारने से पहले उनकी धार्मिक पहचान जानने की कोशिश की।

20 पीड़ितों के निचले शरीर के कपड़े अस्त-व्यस्त थे

सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम ने यह भयावह दृश्य देखा। 26 में से 20 पीड़ितों के निचले शरीर के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। उनकी पतलून की जिप खुली हुई थी, पतलून नीचे खींची हुई थी, और उनके अंडरवियर या प्राइवेट पार्ट दिख रहे थे। शायद मृतकों के परिवार वाले सदमे में थे, इसलिए उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। कर्मचारियों ने भी शवों को वैसे ही उठाया और उन्हें कफ़न से ढक दिया।

धार्मिक पहचान जानने के लिए उनके कपड़े उतरवाए

अधिकारियों की टीम को FIR में शामिल करने के लिए कुछ और जानकारी चाहिए थी। इसलिए उन्होंने शवों की बारीकी से जांच की। तभी उन्हें पता चला कि आतंकवादियों ने पीड़ितों के साथ क्रूरता की थी। उन्होंने पुरुषों की धार्मिक पहचान जानने के लिए उनके कपड़े उतरवाए थे।

चश्मदीदों ने बताया कि आतंकवादियों ने पीड़ितों की पहचान जानने के लिए उनसे आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्र मांगे थे। उन्होंने उनसे कलमा पढ़ने को भी कहा। इसके बाद उन्होंने उनके निचले कपड़े उतरवाए ताकि वे देख सकें कि उनका खतना हुआ है या नहीं। इन तीन ‘टेस्ट’ से जब उनकी हिंदू पहचान साबित हो गई, तो आतंकवादियों ने उन्हें करीब से गोली मार दी। मंगलवार के हमले में मारे गए 26 लोगों में से 25 हिंदू थे, और वे सभी पुरुष थे।

70 संदिग्धों से पूछताछ जारी

इस नरसंहार की जांच तेजी से चल रही है। सूत्रों के अनुसार, त्राल, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम जैसे विभिन्न स्थानों से लगभग 70 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और ज्ञात आतंकी समर्थकों से जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और RAW के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। OGW वे लोग होते हैं जो आतंकवादियों की मदद करते हैं, जैसे कि उन्हें रहने की जगह देना या खाना पहुंचाना।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, ‘शुरुआत में, जांच टीम ने 1,500 OGW को पकड़ा ताकि उनकी संभावित भूमिका की जांच की जा सके। इनमें से 70 OGW ऐसे हैं जिन पर हमें शक है कि उन्होंने पहलगाम हमले की टीम को सामान पहुंचाने में मदद की थी। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही असली अपराधियों तक पहुंच जाएंगे।’

जांचकर्ता इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमले की योजना किसने बनाई और इसमें कौन-कौन शामिल था। वे यह भी जानना चाहते हैं कि आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद कहां से मिला।

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