दिल्ली से पहले मुंबई में लागू हुआ GRAP-4, राजधानी से कितना अलग है BMC का एक्शन प्लान?

Mumbai GRAP-4: मुंबई में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जिसके कारण बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-4) लागू किया है। इसके तहत धूल उड़ाने वाली गतिविधियों पर रोक, 50 कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम बंद करने और छोटे उद्योगों को क्लीनिंग का काम कहीं और शिफ्ट करने जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किए गए हैं।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के बाद आर्थिक राजधानी मुंबई में भी वायु प्रदूषण खतरे की घंटी बन चुका है। मायानगरी के मझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली पूर्व, चकला-अंधेरी पूर्व, नेवी नगर, पवई और मुलुंड समेत आसपास के इलाकों में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को नियंत्रण में रखने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-4) लागू (Mumbai GRAP-4) करने का नोटिस जारी किया है।

दिल्ली में भी AQI 400 के पार पहुंच गया है, लेकिन राजधानी में अभी तक ग्रैप-4 लागू नहीं हुआ है। तो आइए जानते हैं मुंबई का ग्रैप-4 दिल्ली के ग्रैप-4 से कैसे अलग है?

मुंबई में ग्रैप-4 के तहत लगने वाले प्रतिबंध
BMC ने धूल उड़ाने वाली ज्यादातर गतिविधियों पर रोक लगा दी है। कई जगहों पर इसकी सख्त निगरानी की जा रही है।
BMC ने 50 कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम रोकने और साइट्स बंद करने के आदेश दिए हैं।
बेकरी और मार्बल कटिंग वाले कई छोटे उद्योगों को क्लीनिंग का काम कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन करवाने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किए गए हैं। इंजीनियरों, पुलिसकर्मी और जीपीएस ट्रैक करने वाले वाहनों के जरिए सभी गतिविधियों पर BMC ने कड़ी नजर रखी है।
BMC के अधिकारियों ने 70 से ज्यादा साइट्स की निगरानी की, जिनमें 53 साइट्स को नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। BMC ने सभी के खिलाफ नोटिस जारी किया है।

Source of News:- jagran.com

दिल्ली में ग्रैप-4 के तहत लगने वाले प्रतिबंध
दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में बीएस-3 और बीएस-4 डीजल कारों पर रोक लग जाती है।
10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर स्कूलों को सारी कक्षाएं हाईब्रिड मॉडल (स्कूल और घर) में चलाने की सलाह दी जाती है।
प्राइवेट कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम और सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया जाता है।
दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बैन कर दी जाती है।
हाईवे और फ्लाईओवर जैसे सार्वजनिक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। साथ ही ग्रैप-4 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर गिराने से संबंधित गतिविधियों पर भी पाबंदी रहती है।

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