
हरियाणा के फरीदाबाद में बेसमेंट संस्थानों पर कार्रवाई ठंडी पड़ गई। निगम के पास एक साल बाद भी कोई रिकॉर्ड नहीं। मानसून में जलभराव से हादसे का खतरा मंडरा रहा है। क्या निगम किसी और दुर्घटना का इंतजार कर रहा है? बल्लभगढ़ में 20 से ज्यादा कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चल रहे हैं जहां निकासी का कोई इंतजाम नहीं है।
फरीदाबाद। पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद फरीदाबाद नगर निगम ने भी बेसमेंट में चल रहे संस्थानों के खिलाफ अभियान चलाया था।
निगम ने करीब 20 बेसमेंट को सील भी किया था, लेकिन मानसून खत्म होते ही बेसमेंट का निरीक्षण भी निगम अधिकारियों की फाइलों में दब गया।
निगम की किसी भी शाखा के पास शहर में अलग-अलग जगहों पर बेसमेंट में चल रहे संस्थानों का रिकार्ड नहीं है। ऐसे में लगता है कि निगम अधिकारी किसी और हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
अकेले बल्लभगढ़ में ही 20 से ज्यादा कोचिंग संस्थान और दुकानें बेसमेंट के अंदर खुली हुई हैं। इन दुकानों में पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। साथ ही बेसमेंट के ऊपर दो से तीन मंजिला इमारतें बनी हुई हैं। बारिश के दिनों में जब सड़क पर पानी भर जाता है तो पानी भी बेसमेंट में चला जाता है।
source of news-dainik jagran
प्लानिंग शाखा के पास नहीं है किसी तरह का रिकॉर्ड
निगम की योजना शाखा के पास इन बेसमेंट का कोई रिकॉर्ड नहीं है। शाखा के अधिकारियों का कहना है कि बेसमेंट का कोई सर्वे नहीं होता। बेसमेंट बनाने वाले भवन मालिक नक्शा पास नहीं करवाते। जिसके कारण ये रिकॉर्ड नहीं रखे जाते।
पिछले साल निगम ने नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए 20 से ज्यादा बेसमेंट को सील किया था। करीब 15 दिन की यह कार्रवाई मानसून आते ही खत्म हो गई। ऐसे में अब दोबारा मानसून आने पर निगम की ओर से इन बेसमेंट के खिलाफ कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है।
”फिलहाल नालों के किनारे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। मई के आखिरी सप्ताह में बेसमेंट को लेकर अभियान चलाया जाएगा। ताकि जलभराव के कारण कोई अप्रिय स्थिति न बने।
-हितेंद्र शर्मा, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम