
फरीदाबाद में बारिश के पानी की निकासी के लिए नालों की सफाई और अतिक्रमण हटाना आवश्यक है। उपायुक्त विक्रम सिंह ने नालों का निरीक्षण किया और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। उन्होंने मानसून से पहले सफाई पूरी करने के निर्देश दिए ताकि जलभराव न हो। अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान देने और अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया।
फरीदाबाद। वर्षा पानी निकासी के लिए शहर में नाले काफी अहम हैं। यदि इनकी सही प्रकार से सफाई करा दी जाए और कब्जे हटा दिए जाएं तो काफी हद तक राहत मिल सकती है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। हर बार दावा किया जाता है कि मानसून में जलभराव नहीं होगा। सफाई के नाम पर लाखों रुपये विभागीय अधिकारियों की जेब में चले जाते हैं।
अधिकारी औचक निरीक्षण करने का दावा करते हैं, मौके पर जाकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन सच्चाई एक वर्षा सामने ला देती है। सोमवार को जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने कई नालों का निरीक्षण किया। यहां अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए। लेकिन सवाल यह है कि यह अतिक्रमण तो दशकों से है। फिर अब अधिकारी नींद से क्यों जाग रहे हैं। यदि यह अतिक्रमण समय रहते हटा दिया जाता तो सड़कों पर जलभराव नहीं होता। खैर अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला उपायुक्त के इस निरीक्षण और निर्देश का नगर निगम, एफएमडीए या अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों पर कोई असर होता है या नहीं।
बता दें इससे पहले भी जिला उपायुक्त हाईवे सहित अन्य जलभराव वाली जगह का निरीक्षण कर सख्त निर्देश दे चुके हैं लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया। आज भी हाईवे पर खूब जलभराव होता है।
कई विभागों के अधिकारी साथ थे
जिला उपायुक्त के साथ नगर निगम, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, एफएमडीए एवं अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी थे। निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी सफाई एवं मरम्मत कार्य मानसून की पहली वर्षा से पहले पूर्ण हो जाए, जिससे शहर में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।
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यहां किया गया निरीक्षण
अधिकारियों ने निरीक्षण की शुरुआत बड़खल मोड़, बुद्ध कालोनी सेक्टर-27 के वर्षा निकासी की ड्रेन से की। यहां मैनहोल बन रहा है। मैनहोल का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने और इसे कवर करने के लिए कहा गया। बुढ़िया नाला पर स्थित ओल्ड मुगल ब्रिज, सेक्टर-33 बाईपास रोड नाला पुल, अलीपुर तिलोरी खादर ड्रेन और हरि विहार सुभाष कालोनी में स्थित ड्रेन का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने नालों की गहराई, चौड़ाई और पानी की निकासी की गति का अवलोकन किया। यहां कई स्थानों पर काफी गाद, प्लास्टिक कचरा, झाड़ियां एवं अन्य रुकावटें देखी गई। इसकी सफाई करने के निर्देश दिए गए।
जिला उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी संवेदनशील एवं जलभराव वाली जगह की पहचान की जाए और वहां विशेष ध्यान दिया जाए। यदि इन जगह सफाई नहीं हुई तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अधिकारियों को यह भी कहा कि वे स्वयं सफाई कार्यों की निगरानी करें और जैसे ही कोई नाला पूरी तरह से साफ हो, उसकी रिपोर्ट तुरंत प्रशासन को सौंपी जाए। शहर में जिन स्थानों पर नालों के ऊपर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें तुरंत चिन्हित कर हटाया जाए।