‘यूरोपीय नेताओं से मिलना तो मुश्किल, लेकिन…’, पीएम मोदी के मुरीद हुए डच कंपनी के अधिकारी

जोगबनी से चलकर पाटलिपुत्र तक जाने वाली यह ट्रेन जब कस्बा रेलवे गुमटी के पास से गुजर रही थी उसी वक्त यह हादसा हुआ। मृतकों में सभी की उम्र 18 से 25 साल बताई जा रही है।

डच सेमीकंडक्टर दिग्गज एएसएमएल के एक अधिकारी ने पीएम मोदी की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के नेताओं तक पहुंचना मुश्किल है जबकि पीएम मोदी से मिलना आसान है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ अपनी कंपनी के सीईओ की दो घंटे की मुलाकात का जिक्र किया और उनके मिलनसार स्वभाव की सराहना की।

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम मोदी की तारीफ अब डच सेमीकंडक्टर दिग्गज एएसएमएल के वैश्विक जनसंपर्क मामलों के कार्यकारी उपाध्यक्ष, फ्रैंक हेम्सकेर्क ने की है।

उन्होंने बताया कि एएसएमएल के सीईओ ने हाल के दिनों में ही पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं तक पहुंच आसान नहीं है, जबकि भारत के पीएम के साथ ऐसा नहीं है।

एएसएमएल के सीईओ ने की थी पीएम मोदी से मुलाकात
दरअसल, हाल के दिनों में ही डच सेमीकंडक्टर दिग्गज एएसएमएल के सीईओ ने पीएम मोदी से करीब 2 घंटे की मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल उनकी बात सुनी, बल्कि कंपनी से प्रतिक्रिया देने का आग्रह भी किया।

पीएम मोदी के मुरीद हुए एएसएमएल के अधिकारी
एएसएमएल के अधिकारी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे (कंपनी के सीईओ) कहा कि आप बहुत मिलनसार हैं, मुझे बताएं कि हम क्या बेहतर कर सकते हैं।

बता दें कि बातचीत के दौरान फ्रैंक हेम्सकेर्क से पूछा गया कि क्या सभी नेताओं के साथ मिलना आसान होता है, तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि यह हमेशा आसान नहीं होता। आम तौर पर तो व्हाइट हाउस में किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिलना, कमिश्नर से मिलने से कहीं ज्यादा आसान है।

‘पीएम मोदी से सीखना चाहिए’
उन्होंने कहा कि यूरोपीय नीति निर्माताओं को प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेनी चाहिए। राजनीतिक नेताओं को उन कंपनियों के साथ बैठना चाहिए जो निवेश कर रही हैं।

वहीं, इसी बातचीत के दौरान एएसएमएल के फ्रांसीसी एआई फर्म मिस्ट्रल के साथ हाल ही में हुए 1.3 बिलियन यूरो के सौदे पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह आसान है क्योंकि यह एक यूरोपीय कंपनी है और हम एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं।

भारत भी सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने पर दे रहा जोर
गौरतलब है कि डच उद्योगपति की ओर से पीएम मोदी की प्रशंसा ऐसे समय पर की गई है, जब भारत सेमीकंडक्टर क्रांति के कगार पर है और सेमीकंडक्टर चिप्स के विकास में साहसिक प्रगति कर रहा है।

भारत ने बनाई पहली स्वदेशी चिप
अगस्त के महीने में पीएम मोदी को विक्रम नामक पहली भारत में बनी चिप भेंट की गई। इसको इसरो की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला ने विकसित किया था। इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिला की प्रचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि ‘मेड इन इंडिया’ चिप वर्ष के अंत तक बाजार में आ जाएगी।

Source of News:- jagran.com

ध्यान दिया जाना चाहिए कि साल 2021 में केंद्र सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये के साथ भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर निर्माण, डिस्प्ले निर्माण को बढ़ावा देना।

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