
विनय और हिमांशी की शादी के बाद हुई इस घटना ने सभी को झकझोर दिया है। आसपास के लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले शादी में गए थे। अब शोक में शामिल होंगे।
ये तस्वीर सेक्टर-47 के उसी घर की है, जहां कुछ दिन पहले तक बेटी की शादी का जश्न हो रहा था। विदा होकर करनाल गई बेटी हाल ही में अपने लेफ्टिनेंट पति के साथ मायके लौटी तो परिवार ने खूब खुश होकर स्वागत किया, लेकिन मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जो हुआ, उसने इस घर की खुशी छीन ली। आतंकी हमले में इस परिवार के नये दामाद नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की जान चली गई। घटना के बाद बुधवार को हिमांशी के घर सन्नाटा पसरा था। गेट पर ही मेड मिलीं ।
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हमने पूछा-यह हिमांशी का घर है? जवाब मिला-हां जी, लेकिन दीदी और पूरा परिवार घर में नहीं है। हमने मेड से अगला सवाल किया-‘आप हिमांशी से कब मिली थीं?’ मेड बोलीं-‘शादी के बाद दीदी घर आई थीं। मुझे मिठाई भी खिलाई थी।’ इतना कहकर मेड अंदर चली गईं। कुछ ही पल में खिड़की से एक शख्स ने झांका। हमने कुछ पूछना चाहा तो जैसे जबान से पहले उनका दर्द आंखों से बह निकला। उन्होंने हाथ जोड़ दिए। बोले-‘हमारी स्थिति समझिए। हम कुछ भी कहना नहीं चाहते।
19 को रिसेप्शन के बाद 21 को घूमने के लिए दोनों कश्मीर पहुंचे
करनाल के विनय नरवाल की गुरुग्राम के सेक्टर-47 स्थित हिमांशी से 16 अप्रैल को ही शादी हुई थी। 19 अप्रैल को रिसेप्शन के बाद 21 अप्रैल को घूमने के लिए दोनों कश्मीर पहुंचे थे। पड़ोसियों ने बताया कि हिमांशी अपने परिवार के साथ सेक्टर-47 में रहती थीं। उनके पिता सुनील स्वामी हरियाणा जीएसटी में ईटीओ के पद पर फरीदाबाद में कार्यरत हैं। हिमांशी के छोटा भाई लक्षित पुणे से एमबीए कर रहे हैं।’
शादी में गए थे, अब शोक में शामिल होंगेहिमांशी जम्मू कश्मीर जाने से पहले सेक्टर-47 स्थित अपने घर पहुंची थीं। आसपास लोगों को भी उन्होंने मिठाई खिलाई थी। इसके बाद खुशी-खुशी जम्मू-कश्मीर के लिए निकली थीं। पड़ोसियों ने बताया कि हिमांशी काफी शांत स्वभाव की हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रैजुएशन की। जेएनयू से मास्टर डिग्री और अब दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पीएचडी कर रही हैं। वह ऑनलाइन ट्यूशन क्लासेज भी लेती थीं