
वक्फ बोर्ड कानून संशोधन बिल पास होने के बाद झारखंड में रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों की संख्या सुर्खियों में है। राज्य में कुल 145 वक्फ प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 29 हजारीबाग और 18 राजधानी रांची में हैं। दुमका और जामताड़ा में एक भी वक्फ प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड नहीं है। झारखंड वक्फ बोर्ड के अनुसार इनमें से कुछ प्रॉपर्टी अभी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में हैं।
कौशल सिंह, जामताड़ा। Jharkhand News:वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन बिल दोनों ही सदनों में पास होने के बाद जहां एक ओर मुस्लिम संगठनों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रजिस्टर्ड वक्फ संपत्ति का आंकड़ा भी लोग निहारने लगे हैं।
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सार प्रदेशभर में कुल 145 वक्फ प्रापर्टी आंकड़ों में रजिस्टर्ड हैं। इनमें सबसे अधिक 29 वक्फ प्रापर्टी हजारीबाग जिले में रजिस्टर्ड। राजधानी रांची में कुल 18 वक्फ प्रापर्टी रजिस्टर्ड हैं। जबकि आंकड़ों के अनुसार संताल परगना की उपराजधानी दुमका और जामताड़ा में एक भी प्रापर्टी वक्फ के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है।
अल्पसंख्यक मामलों के जानकार एस अली के अनुसार वर्तमान में झारखंड वक्फ बोर्ड के पास जो आंकड़े हैं वह बिहार सरकार के समय की हैं। झारखंड प्रदेश के गठन के बाद सात और वक्फ प्रापर्टी चिह्नित कर इनमें शामिल किए गए हैं। जिससे कि वक्फ प्रापर्टी की कुल संख्या 152 हो गई है। इनमें कुछ प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में है।
जीआई सर्वे के बाद केंद्र सरकार के जारी आंकड़े पैदा कर रहे भ्रम
अल्पसंख्यक मुस्लिम मामलों के जानकार एस अली कहते हैं, कुल रजिस्टर्ड प्रापर्टी के आंकड़े और केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में काफी अंतर देखने को मिलता है। केंद्र की ओर से जारी वक्फ प्रापर्टी के आंकड़ों में झारखंड राज्य (सुन्नी) वक्फ बोर्ड के नाम 698 प्रापर्टी दर्शाया गया है।
जबकि, इसका रकबा तकरीबन 1,084.76 एकड़ है। इन आंकड़ों में भ्रम की वजह केंद्र द्वारा किए गए जीआई सर्वे की वजह से पैदा हुआ है। जहां रजिस्टर्ड प्रापर्टी के आंकड़ों के अनुसार किसी मदरसे को एक वक्फ प्रापर्टी बताया गया है, वहीं जीआई सर्वे के बाद उसी प्रापर्टी के अलग-अलग क्लास रूम और अलग-अलग कमरों को अलग-अलग वक्फ प्रापर्टी के तौर दर्शाने से इसकी संख्या में इजाफा हो गया है। इन्हीं आंकड़ों को आधार बनाकर केंद्र सरकार वक्फ प्रापर्टी की संख्या में इजाफा होने की बात कहती रही है।
सबसे अधिक मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले पाकुड़ में सबसे कम वक्फ की प्रापर्टी:
वहीं दूसरी ओर प्रदेशभ के सबसे अधिक मुस्लिम आबाद वाले जिले पाकुड़ में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर गौर करें तो वह मात्र दो है। जबकि गोड्डा में 12, साहिबगंज में 10 और देवघर जिले में दो वक्फ प्रापर्टी रजिस्टर्ड हैं।
” वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली संपत्तियां बिहार सरकार के समय की हैं। ये संपत्तियां ऐसी हैं, जिनके आंकड़े बिहार सरकार से मंगवाए गए हैं। इसी आधार पर इनमें से कुछ बची हुई संपत्तियों को चिह्नित कर इनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है। सरफराज अहमद, अध्यक्ष, झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ”