
यह नया कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 4.286 किलोमीटर एलिवेटेड (ऊपर) और 6.879 किलोमीटर अंडरग्राउंड (भूमिगत) सेक्शन होंगे। फेज 2 के एरियल सर्वे का काम पूरा हो चुका है और अब बस बजट मिलने का इंतजार है।
राजधानी लखनऊ में मेट्रो के दूसरे फेज का काम अगले साल जनवरी-फरवरी से शुरू होने वाला है, जिससे शहर के लोगों को एक नई और आधुनिक तस्वीर देखने को मिलेगी। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के निर्माण की तैयारियां तेज कर दी हैं, जिसे अगले पांच सालों में पूरा करने का लक्ष्य है। ईटीवी की खबर के मुताबिक, यह नया कॉरिडोर, जो चारबाग से बसंतकुंज तक जाएगा, शहर के सबसे पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा।
मेट्रो फेज-2 को जान लीजिए
यह नया कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 4.286 किलोमीटर एलिवेटेड (ऊपर) और 6.879 किलोमीटर अंडरग्राउंड (भूमिगत) सेक्शन होंगे। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से सात अंडरग्राउंड और पांच एलिवेटेड होंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत ₹5801 करोड़ है। यह कॉरिडोर मौजूदा नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा, जिससे यात्रियों के लिए सफर और भी आसान हो जाएगा।
चुनौतियों और तैयारियों पर एक नज़र
पुराने लखनऊ के भीड़-भाड़ वाले इलाकों जैसे चौक और अमीनाबाद से होकर गुजरने की वजह से इस फेज का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण होगा। ईटीवी भारत की खबर के मुताबिक, यूपीएमआरसी के जॉइंट जनरल मैनेजर पंचानन मिश्रा का कहना है कि घनी आबादी, संकरी गलियां, और भारी ट्रैफिक के कारण काम करना आसान नहीं होगा। इसी को देखते हुए, सायल टेस्टिंग और एरियल सर्वे जैसे महत्वपूर्ण काम पहले ही पूरे कर लिए गए हैं। निर्माण के दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की विशेष स्ट्रैटेजी भी तैयार की जा रही है, ताकि लोगों को कम से कम असुविधा हो।
Source of News:- indiatv.in
बस बजट मिलने का इंतजार
उन्होंने यह भी बताया गया है कि इस रूट पर भीड़ ज्यादा होने की संभावना है, इसलिए स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था भी और भी मजबूत की जाएगी। ट्रेनों की संख्या भी वर्तमान रूट की तुलना में अधिक होगी। फेज 2 के एरियल सर्वे का काम पूरा हो चुका है और अब बस बजट मिलने का इंतजार है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। यह नया मेट्रो रूट न केवल पुराने लखनऊ को आधुनिक परिवहन से जोड़ेगा, बल्कि शहर के विकास को भी नई गति देगा।